नयी दिल्ली: बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) अध्यक्ष सौरव गांगुली और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मधुकर वोरा ने बीसीसीआई को आज पत्र लिखकर राज्य संघों के संविधान में संशोधन में और लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशें लागू करने में कुछ व्यावहारिक मुश्किलों के बारे में जानकारी दी। बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने हाल में सभी राज्य संघों को ईमेल भेजकर संविधान में बदलाव की जानकारी मांगी थी और सूचित किया कि 13 इकाईयों ने पालन करने का और इस संबंध में हलफनामा पेश करने का फैसला किया है।
इसके अनुसार गांगुली ने बीसीसीआई को लिखे पत्र में लिखा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि कुछ महीने पहले ही कैब की विशेष आम बैठक में सदस्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी कि बीसीसीआई के फैसले के संबंध में हलफनामे उच्चतम न्ययायाय को संबोधित करते हुए दायर किये जायेंगे जिसमें राज्य और बीसीसीआई स्तर पर लागू करने की समस्याओं को बताया जायेगा।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘विशेष आम बैठक में सदस्यों ने एक फैसला किया और आपने जो मुद्दे मेल में लिखे हैं, उन पर गौर करने के लिये एक और विशेष आम बैठक करनी होगी। ‘हमें पिछले हफ्ते आपकी मेल मिली और तब सदस्यों को इस नये मुद्दे के बारे में अपडेट करने के लिये एक अन्य विशेष आम बैठक बुलाने और इस पर फैसला लेने का समय नहीं था।’’
गांगुली ने पत्र का अंत यह कहते हुए किया कि अभी समय की कमी को देखते हुए, ‘‘हम आपके मेल में जिक्र की गयी धाराओं पर समयसीमा के अंदर कोई फैसला नहीं दे पायेंगे क्योंकि यह संघ के संविधान के खिलाफ है।’’
वोरा ने लिखा, ‘‘इस समय उच्चतम न्यायालय इस प्रस्तावित दस्तावेज पर आगे बढ़ाने के लिये पक्षों की तरफ से पेश हो रहे वकीलों की बात सुनने के लिये तैयार है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये इस समय संशोधनों से सिफारिशों तक का फैसला उच्चतम न्यायालय पर निर्भर करता है और उच्चतम न्यायालय के समक्ष इस पर जिरह होगी। ’’