मैनचेस्टर| इंग्लैंड के बल्लेबाज ओली पोप ने स्वीकार किया कि बायो सिक्योर सुरक्षित माहौल में रहना चुनौतीपूर्ण अनुभव रहा और तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 91 रन बनाकर ऐसा लगा कि उनके कंधे से बोझ उतर गया। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले दो टेस्ट में 22 साल का यह खिलाड़ी असफल रहा जिसमें उसका शीर्ष स्कोर नाबाद 12 रन था। लेकिन पोप ने निर्णायक टेस्ट के शुरूआती दिन जोस बटलर के साथ मिलकर इंग्लैंड को संभाला क्योंकि चाय के समय तक मेजबान टीम चार विकेट पर 122 रन बनाकर जूझ रही थी और इन दोनों ने स्टंप तक उसे चार विकेट पर 258 रन तक पहुंचाया।
दूसरे दिन यह युवा अपने दूसरे शतक से नौ रन से चूक गया और दिन का खेल शुरू होते ही शैनोन गैब्रियल की गेंद पर बोल्ड हो गया। पोप ने ‘स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट’ से कहा, ‘‘कुछ रन बनाकर अच्छा लगा और इससे ऐसा लगा जैसे कंधों से थोड़ा बोझ उतर गया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले मैचों में असफल रहना और ऐसे वातावरण में रहना जिसमें आप अपने परिवार को नहीं देख सकते, थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। आप अपने कमरे में जाते और बस क्रिकेट की पिच की ओर देखते। ’’
इस श्रृंखला से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाल हुआ और इसे कोरोना वायरस महामारी के बीच जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में दर्शकों के बिना खाली स्टेडियम में खेला गया। पोप ने कहा कि अपने परिवार को नहीं देख पाने का असर उन पर पड़ा लेकिन इस परीक्षा की घड़ी के दौरान टीम में सभी ने एक दूसरे का पूरा सहयोग किया। उन्होंने कहा, ‘‘हैंपशर में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में मैं दिन के अंत में आउट हुआ और आउट होने के 20 मिनट बाद मैं अपने कमरे में था। मैं कॉफी पीने या अपने परिवार को देखने नहीं जा सका जिससे ये चीजें बार बार आपके दिमाग में आने लगती हैं। ’’
पोप ने कहा, ‘‘इसकी अपनी चुनौतियां हैं लेकिन आपके साथ टीम के अन्य खिलाड़ी होते हैं और आप उनके साथ होते हो तो अगर कोई मानसिक रूप से थोड़ा परेशान है तो हम एक दूसरे की मदद करते। ’’