एशिया कप 2018 में आज भारतीय टीम अपना पहला मैच खेलेगी। टीम इंडिया का इरादा इस मैच को जीतकर अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ करने की होगी। एक तरफ जहां भारत इस खिताब को जीतने की कोशिश करेगा। तो वहीं, टीम का एक खिलाड़ी अपनी जगह पक्की करने की भरपूर कोशिश करेगा। इस खिलाड़ी के पास भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने का आखिरी मौका हो सकता है। इस खिलाड़ी का नाम है मनीष पांडे। मनीष पांडे को बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी माना जाता है लेकिन अब तक वो अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके हैं। भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर का भी यही मानना है कि पांडे के लिए ये आखिरी मौका है।
मांजरेकर ने अपने बयान में कहा, 'जब पांडे को एशिया कप की टीम में जगह मिली तो मैं हैरान था। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने के बाद उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया था जिससे उन्हें टीम में जगह दी जाए। जब कोई बल्लेबाज बड़ी टीम के खिलाफ शतक लगाता है तो उसका विश्वास बढ़ जाता है और उसे इसे आने वाले मैचों में भी दिखाना चाहिए। लेकिन पांडे ऐसा नहीं कर सके। मेरा मानना है कि उनके लिए या तो अब, या फिर कभी नहीं हालात हैं।'
अब आपको बताते हैं कि आखिर मनीष पांडे को ऐसा कहना क्यों पड़ा और इसका क्या कारण रहा? दरअसल, पांडे ने भारत के लिए अब तक वनडे और टी20 फॉर्मेट खेले हैं लेकिन इस दौरान उनका प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा।
वनडे में पांडे का प्रदर्शन: पांडे ने अब तक भारत के लिए 22 वनडे मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 39.27 की औसत से 432 रन ही बनाए हैं। पांडे के बल्ले से 1 शतक और 2 अर्धशतक निकले हैं। साल 2017 में पांडे को 8 पारियां मिलीं लेकिन इस दौरान उन्होंने सिर्फ 1 अर्धशतक लगाया। इसके अलावा उन्होंने (36, 0, 3, 36*, 33, 11*,2) का स्कोर किया।
साफ है कि पांडे को कई मौके मिले लेकिन उन्होंने अब तक खुद को साबित नहीं किया। एशिया कप से पहले पांडे ने इंडिया ए की तरफ से बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और इसके फलस्वरूप उन्हें टीम इंडिया में चुना गया। अगर पांडे इस टूर्नामेंट में फ्लॉप रहे तो फिर उनके लिए हमेशा के लिए भारतीय टीम के दरवाजे बंद हो सकते हैं।