लगातार 11 मैच जीत चुकी चेक गणराज्य की पेत्रा क्वितोवा ऑस्ट्रेलियाई ओपन महिला एकल खिताब के लिए शनिवार को ‘जाइंट किलर’ नाओमी ओसाका से खेलेगी तो दोनों के बीच ये आक्रामकता की असल जंग होगी। दो बार की विम्बलडन चैम्पियन क्वितोवा पिछले 11 मैच एक भी सेट गंवाए बिना जीत चुकी हैं। वो 2016 के बाद पहली बार ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलेंगी जब चेक गणराज्य में एक चोर ने उनके हाथ पर चाकू से वार करके घायल कर दिया था। क्वितोवा ने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ झेला है, उसके बाद ये और खास हो गया है।’’
उन्हें हालांकि बखूबी इल्म है कि खिताब की उनकी राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि ओसाका आक्रामकता में उनसे कतई उन्नीस नहीं है। ओसाका फाइनल तक पहुंचने की राह में तीन बार तीन सेट के मुकाबले जीतकर आई है। जापान की इस धुरंधर ने कहा, ‘‘मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से खेल रही हूं और अधिकांश मैच तीन सेट के रहे। ये इच्छाशक्ति का मुकाबला होगा।’’
दोनों के बीच ये पहला ही मुकाबला होगा। क्वितोवा के कोच जिरि वानेक ने कहा, ‘‘ओसाका और क्वितोवा दोनों विनर्स लगाती हैं। तकनीकी रूप से नहीं लेकिन आक्रामक तेवरों के मामले में ये जबर्दस्त मुकाबला होगा। दोनों कोर्ट पर काफी तेज तर्रार खेल दिखाती हैं।’’ दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रोमानिया की सिमोना हालेप के चौथे दौर में बाहर होने के बाद इस मुकाबले से महिला टेनिस की बादशाहत भी तय होगी। दोनों में से कोई भी पहले कभी शीर्ष पर नहीं पहुंचा है। ओसाका फिलहाल चौथे नंबर पर है।
ओसाका नंबर वन के ताज को लेकर उत्साहित है लेकिन उसका लक्ष्य फिलहाल यह खिताब जीतना है। उसने कहा, ‘‘मेरे लिए ये बहुत बड़ी बात है। क्वार्टर फाइनल के बाद मेरा ये सबसे बड़ा लक्ष्य था लेकिन मेरा मुख्य लक्ष्य ये टूर्नामेंट जीतना है। रैंकिंग उसके बाद आती है।’’
अमेरिकी ओपन चैम्पियन ओसाका अगर जीत जाती है तो वो 23 बार की ग्रैंडस्लैम सेरेना विलियम्स के अलावा पिछले नौ साल में लगातार दो खिताब जीतने वाली पहली खिलाड़ी होंगी। किम क्लाइटजर्स ने 2010 अमेरिकी ओपन और 2011 ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीता था।