भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2017 में खेले गए एक वनडे मैच में युवा स्पिनर कुलदीप यादव ने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय हैट्रिक हासिल की थी। इस मैच में भारत ने ईडन गार्डन्स पर ऑस्ट्रेलिया को 253 रनों का आसान लक्ष्य दिया था लेकिन कुलदीप की शानदार गेंदबाजी की बदौलत मेहमान टीम आखिरकार 202 रन पर ऑलआउट हो गई।
कुलदीप की ये हैट्रिक मैच के 32वें ओवर में आई थी जिसकी दूसरी गेंद पर उन्होंने मैथ्यू वेड और तीसरी गेंद पर एश्टन एगर को आउट किया। तीसरी गेंद पर पैट कमिंस को पवेलियन का रास्ता दिखाने के साथ ही कुलदीप ने पहली इंटरनेशनल हैट्रिक अपने नाम की। इसी हैट्रिक से जुड़ी एक दिलचस्प घटना का खुलासा कुलदीप यादव ने एक हालिया इंटरव्यू में किया है।
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कोलकाता नाइट राइडर्स की वेबसाइट पर हालिया बातचीत में बोलते हुए कुलदीप ने याद किया कि कैसे उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से संपर्क किया और उन्हें छोर बदलने के लिए कहा क्योंकि वह अपने शुरुआती ओवरों में जिस छोर से गेंदबाजी कर रहे थे, वहां से वो सहज गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे।
कुलदीप ने बताया, "मुझे याद है कि मैंने हॉफ स्लीव जर्सी में कुछ शुरुआती ओवर फेंके थे और मैं उस टी-शर्ट में आराम से गेंदबाजी नहीं कर पाया। इसलिए, मैं ड्रेसिंग रूम वापस गया और फुल स्लीव जर्सी पहन कर मैदान में आया।"
कुलदीप ने कहा, “मैंने विराट भाई से बात की और उनसे पूछा कि क्या मैं दूसरे छोर से गेंदबाजी कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि एक बार चहल का स्पेल खत्म हो जाए, तो तू उस छोर से गेंदबाजी कर सकता है। मैंने बहुत अच्छी लय में था और स्पॉट पर गेंदबाजी शुरू कर दी।”
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उन्होंने आगे कहा कि कैसे उन्होंने हैट्रिक डिलीवरी डालने से पहले एमएस धोनी से सलाह ली थी। उन्होंने कहा, "मुझे मैथ्यू वेड का पहला विकेट मिला और फिर अगली गेंद पर मैंने एश्टन एगर को LBW आउट किया। तीसरी गेंद के लिए, मैंने माही भाई (एमएस धोनी) से पूछा कि क्या गेंदबाजी करनी है। जब आपके पास बहुत सारी विविधताएं होती हैं, तो आप भ्रमित हो जाते हैं। उन्होंने मुझे अपने हिसाब से गेंदबाजी करने को कहा लेकिन उन्होंने गेंद को स्टंप पर ही रखने की सलाह दी।"
कुलदीप ने याद करते हुए बताया, “मैंने एक स्लिप और गली रखी। सौभाग्य से मैंने अच्छी गेंद फेंकी और हैट्रिक हासिल कर ली। ईडन गार्डन में हैट्रिक लेना, वह भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के पहले साल में, यह एक बड़ी बात है और यह मेरे जीवन के सबसे बड़े पलों में से एक था।"