नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सिरीज़ में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का बल्ला जमकर बोला. कोहली लगातार दो टेस्ट में दोहरे शतक ठोके और भारत ने तीन मैचों की सिरीज़ 1-0 से जीत ली. दिल्ली में खेले गए आखिरी टेस्ट में कोहली ने शानदार बल्लेबाज़ी की थी.
बहरहाल, दिल्ली टेस्ट के बाद कोहली ने एक ऐसा राज़ खोला जिसके बारे में ख़ुद उन्हें भी अब तक पता नही था यानी उनकी स्थिति उस हिरण की तरह थी जिसे ख़ुद पता नहीं होता कि कस्तूरी उसकी नाभि में है और वह ख़ुशबू के पीछे भागता रहता है. कोहली ने बताया कि दिल्ली टेस्ट के दौरान उन्हें अपनी बल्लेबाज़ी को लेकर एक नई बात पता चली. कोहली को अचानक एहसास हुआ कि टेस्ट मैच में भी वनडे की तरह गेंद को हिट किया जा सकता है.
कोहली ने कहा, ''व्यक्तिगत रूप से बताऊं तो मैं बहुत ही अच्छी तरह गेंद हिट कर रहा था और यह एक तरह से मेरे लिए नई बात ही थी कि मैं टेस्ट में भी गेंद को उसी तरह हिट कर सकता हूं और उतनी ही तेज़ी से रन बना सकता हूं जैसा मैं वनडे में करता हूं. मैं पहले टेस्ट में हमेशा इससे थोड़ा हिचकता था लेकिन इसने मुझे महसूस कराया कि आप टेस्ट क्रिकेट में भी खेल को आगे बढ़ा सकते हैं.''
कोहली ने कहा कि जब वह कप्तान नहीं थे, तो हर बार हालात का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था। जब वह टेस्ट क्रिकेट में पैर जमा रहे थे तो दबाव में थे. लेकिन अब बतौर कप्तान उन्हें शतक या 150 रन पहुंचने के बाद बल्लेबाज़ी करते रहना जारी रखना पड़ता है और जितने ज्यादा संभव हो रन जुटाकर आगे बढ़ते रहना होता है या फिर अगर वह दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं तो ऐसे हालात बनाने होते हैं जिसमें गेंदबाज़ को विपक्षी टीम को बाद में आउट करने के लिए एक अतिरिक्त ओवर मिल जाएं.