नई दिल्ली: टीम इंडिया का प्रमुख कोच बनने के छह महीने बाद ही अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच के बीच जबरदस्त मतभेद हो गए थे और पिछले छह महीने से बातचीत नहीं हो रही थी लेकिन दोनों ने बीसीसीआई पदाधिकारियों से इन खबरों का खंडन किया था और इन्हें ग़लत बताया था।
तमाम खबरों और अफवाहों के बीच सोमवार को जब इन दोनों से एक साथ बातचीत की गई तो दोनों ने मतभेद की बात स्वीकार कर फिर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए। बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, सीईओ राहुल जौहरी के अलावा क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के साथ बैठक में कुंबले ने छोटी-छोटी बातों को भी गिनवाया।
कोहली ने भी टीम चयन से लेकर कई बातों को बताया। अधिकारियों के अनुसार उस समय ही हमें लग गया कि यह जोड़ी आगे नहीं चल पाएगी। हमने इन्हें समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन दोनों ही एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं थे। उस दिन ही हमें पता चला कि छह महीने से दोनों में ढंग से बात तक नहीं हो रही थी।
एक पदाधिकारी ने कहा कि सीएसी ने टीम के कई और सीनियर खिलाड़ियों से पहले बात की थी। उनमें से कुछ ने कुंबले के रवैये पर सवाल उठाए थे। उन्हें लगता था कि कुंबले अभी भी अपने को एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर ही पेश कर रहे हैं। खिलाड़ियों को और आजादी की जरूरत थी।
कुंबले के इस्तीफा देने के बाद मुख्य कोच पद के लिए बीसीसीआई और आवेदन भी मंगा सकता है। हालांकि इस पर फैसला लंदन में आईसीसी कांफ्रेंस में भाग ले रहे अमिताभ और जौहरी के भारत लौटने के बाद ही होगा। अभी तक वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, लालचंद राजपूत, डोडा गणेश और रिचर्ड पाइबस ने मुख्य कोच के लिए आवेदन किए थे।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाजी कोच क्रेग मैकडरमोट ने भी आवेदन किया था, लेकिन इसके समय पर नहीं पहुंचने के कारण खारिज कर दिया गया था। डोडा का भी आवेदन खारिज होने की खबर है। जितने अधिक विकल्प होंगे, पसंद उतनी अच्छी होगी। इसके बाद कोहली की पसंद और पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री भी मुख्य कोच की दौड़ में आ गए हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान बीसीसीआई के दो पदाधिकारियों ने विशेष तौर पर ओवल स्टेडियम के कमेंट्री रूम में जाकर उनसे मुलाकात भी की थी।