टीम इंडिया से निलंबित ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या शनिवार को अपने बड़े भाई क्रुणाल के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर नजर आए। हार्दिक के पिता ने कहा था कि इस पूरे विवाद के साथ से हार्दिक घर से बाहर भी नहीं निकले हैं। गौरतलब है कि के एल राहुल औओर हार्दिक पंड्या को बीच ऑस्ट्रेलियाई दौरे से ही भारत वापस बुला लिया गया था। हार्दिक पंड्या और केएल राहुल ने करण जौहर के शो 'कॉफी विद करन' में महिलाओं के बारे आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसी वजह से दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
वहीं, इस मामले में बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने शनिवार को प्रशासकों की समिति (सीओए) से हार्दिक पंड्या और केएल राहुल पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिये लगाये गये निलंबन को हटाने का आग्रह किया और इस मामले में विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाने से इन्कार कर दिया। खन्ना ने कहा कि बोर्ड अधिकारियों की इन दोनों खिलाड़ियों के व्यवहार की जांच के लिये लोकपाल नियुक्त करने के लिये एसजीएम बुलाने की मांग सही नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय में अगले हफ्ते इस मामले पर सुनवाई होनी है।
खन्ना ने बीसीसीआई को संचालन कर रहे सीओए को पत्र में लिखा, ‘‘उन्होंने गलती की और उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है और ऑस्ट्रेलिया से वापस बुलाया गया। उन्होंने बिना शर्त माफी भी मांग ली है। मेरा सुझाव है कि जांच लंबित रहने तक हमें दोनों क्रिकेटरों को तुरंत भारतीय टीम में शामिल करना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द न्यूजीलैंड में टीम से जुड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।’’
इन दोनों को कई महिलाओं के साथ संबंध बनाने और कार्यक्रम में इसको लेकर मजाक उड़ाने की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
लगभग 14 राज्य इकाईयों, जिनमें अधिकतर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के वफादार हैं, ने खन्ना से आपात एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है जिसे दस दिन के समय में बुलाना होता है। कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने भी खन्ना को पत्र लिखकर जल्द से जल्द एसजीएम बुलाने का आग्रह किया है ताकि बोर्ड के सदस्य लोकपाल की नियुक्ति पर फैसला कर सकें।
खन्ना ने अपने पत्र में लिखा है कि क्योंकि मामला अभी न्यायालय के अधीन है, इसलिए वह इंतजार करना चाहेंगे।
खन्ना ने चौधरी के जवाब में कहा, ‘‘बीसीसीआई के संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति सालाना आम बैठक (एजीएम) में की जा सकती है। और इसके अलावा मामला न्यायालय के अधीन है।’’
खन्ना ने इस पर बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की राय भी जाननी चाही और उन्होंने भी लोकपाल की नियुक्ति को लेकर नये संविधान के अनुच्छेद 40 का हवाला दिया।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘खन्ना या अमिताभ विशेष आम बैठक बुलाने के लिये नोटिस पर क्यों हस्ताक्षर करें जबकि मामला न्यायालय के अधीन है। इसमें अदालत की अवमानना का जोखिम बना रहेगा।’’