चार महीने पहले चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान एक ऐसा हादसा हो गया जिसने खेल भावना की तमाम हदें पार कर दी थीं. दरअसल लीग स्टेज में पाकिस्तान की करारी हार के बाद टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग और पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर राशिद लतीफ़ के बीच ज़ुबानी जंग छिड़ गई थी. इस बीच भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी भी इसमें कूद पड़े.
ग़ौरतलब है कि राशिद तलीफ ने पाकिस्तान की हार के बाद एक वीडियो पेस्ट कर सहवाग को बहुत बुरा भला कहा था. इसी के जवाब में मनोज ने लतीफ़ को जमकर लताड़ा. इसकी शुरुआत तब हुई जब टीम इंडिया की जीत के बाद सहवाग ने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में ट्वीट किया और कहा- "पोते के बाद बेटे. कोई बात नहीं बेटा, अच्छी कोशिश थी! भारत को बधाई!''
लतीफ़ को सहवाग की बात बेहद नागवार गुज़री और उन्होंने 15 मिनट का एक वीडियो पेस्ट कर दिया जिसमें न सिर्फ़ उन्होंने सहवाग की आलोचना की बल्कि भारत के वजूद पर ही सवाल कर दिए. उन्होंने यहां तक कहा कि भारत की कुछ ऐतिहासिक धरोहर पाकिस्तान की देन हैं. बस फिर क्या था लतीफ़ का ये वीडियो वायरल हो गया.
इसके जवाब में सहवाग ने ट्वीट किया: "मानीख़ेज़ ख़ामोशी अर्थहीन शब्दों से हमेशा बेहतर होती है."
सहवाग ने तो अपने जवाब में संयम बरता लेकिन मनोज तिवारी विफर पड़े. तिवारी ने भी एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने राशिद लतीफ़ को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने आइंदा ऐसा कोई वीडियो पोस्ट किया तो वह उनकी चप्पल से पिटाई लगा देंगे.
इस वीडियो में मनोज ने कहा, "मैं आमतौर पर वीडियो पोस्ट नहीं करता लेकिन राशिद लतीफ़ के बयान ने मुझे मजबूर कर दिया. उसने सहवाग जैसे लीजेंड को नीचा दिखाने की कोशिश की है जो शर्मनाक है. मुझे हैरानी है कि उसने ऐसा वीडियो क्यों पोस्ट किया. लगता है कि उसे 60 सैकंड की लोकप्रियता चाहिए जो उसे इन दिनों नहीं मिलती. उनके वीडियो की भाषा से साफ़ ज़ाहिर है कि वह दूसरे खिलाड़ियों की इज़्ज़त नहीं करते. तुम्हें जाकर पहले अपने और फिर सहवाग के रिकॉर्ड्स देखने चाहिए. तब समझ में आएगा कि तुम किसके बारे में बात कर रहे हो लेकिन दिक्कत ये है कि तुम समझ नहीं पाओगे क्योंकि ये रिकॉर्ड्स इंग्लिश में हैं.''