साल 2019 के साथ ही 2010 दशक भी खत्म होने की कगार पर है। इन 10 सालों में 'द जेंटल मैन गेम' कहे जाने वाले क्रिकेट के खेल में भी कई बदलाव हुए व कई धाकड़ खिलाड़ी भी निकलकर सामने आए जिन्होंने क्रिकेट जगत में खूब नाम कमाया। इस दशक में टेस्ट क्रिकेट को और रोमांचक बनाने के लिए आईसीसी ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का ऐलान भी किया, जिसकी शुरुआत इसी साल जुलाई-अगस्त माह में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली एशेज सीरीज से हुई। वैसे हम बात करने जा रहे हैं बीते 10 सालों के सबसे बेहतरीन 11 टेस्ट खिलाड़ियों के बारे में, जिन्हें इस दशक की प्लेइंग 11 में जगह दी गई है। चलिए जानते हैं उनके नाम:-
सलामी बल्लेबाज
एलिस्टर कुक
भारतीर सरजमीं पर 13 साल पहले अपने पहले टेस्ट मैच में शतक मारने के बाद इंग्लैंड के धाकड़ बल्लेबाज कुक ने अपने करियर को क्रिकेट के तवे पर खूब पकाया। अपने अंतिम मैच में भी इस बल्लेबाज ने भारत के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर क्रिकेट को अलविदा कह दिया। साल 2018 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले कुक ने अपने करियर के 161 टेस्ट मैचों की 291 पारी में 45.35 की बेहतरीन औसत से बल्लेबाजी करते हुए 12472 रन जड़ें। इस दौरान उनके नाम 33 शतक रहे। जबकि पिछले एक दशक में उनके प्रदर्शन क बात करें तो कुक ने 111 टेस्ट मैचों में ओपनिंग करते हुए 46.41 की औसत से 8818 रन जड़े। इस तरह उन्हें पिछले एक दशक की टेस्ट टीम का सलामी बल्लेबाज चुना गया है।
डेविड वॉर्नर
ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ सलामी बल्लेबाज ने जब करियर शुरू किया था तब उन्हें किसी ने भी टेस्ट क्रिकेटर नहीं माना था। हालांकि बाद में साल 2011 में जैसे ही वॉर्नर ने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैंन तक के रिकॉर्ड को तोड़ डाला। पिछले एक साल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉल टेम्परिंग के कारण बैन झेलने के बाद वॉर्नर ने टेस्ट क्रिकेट में दमदार वापसी की। पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दूसरे व अंतिम डे नाईट टेस्ट मैच में वॉर्नर ने 335 रनों की नाबाद पारी खेल डॉन ब्रैडमैन के टेस्ट क्रिकेट के सर्वोच्च स्कोर 334 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। इतना ही नहीं वो ब्रायन लारा के 400 रनों के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते थे मगर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने पारी घोषित कर दी थी। इस तरह वॉर्नर ने पिछले 10 सालों में खेले 82 टेस्ट मैचों की 151 पारियों में 48.33 की दमदार औसत से 7009 रन ठोंके। जिसमें उनके बल्ले से 23 शतक निकले। जबकि 335 रनों की नाबाद पारी सर्वश्रेष्ठ रही। वॉर्नर के इसी धमाकेदार प्रदर्शन के लिए उन्हें पिछले 10 साल क टेस्ट टीम का दूसरा सलामी बल्लेबाज चुना गया है।
मध्यक्रम
स्टीव स्मिथ
ऑस्ट्रेलिया की रन मशीन कहे जाने वाले स्टीव स्मिथ की अद्भुत बल्लेबाजी से सभी वाकिफ है। टेस्ट क्रिकेट में लाल गेंद से खेलने का उनका स्टाइल ही उन्हें ख़ास बनाता है। इन्होने साल 2010 में जबसे टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा उसके बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे ही बढ़ते चलते गए। इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण करने वाले स्मिथ पिछले 10 सालों में खेले 72 टेस्ट मैचों में 7072 रन 63.14 की धाकड़ औसत के साथ बना चुके हैं। इतना ही नहीं बॉल टेम्परिंग के कारण स्मिथ पूरे एक साल 2018 में टेस्ट क्रिकेट से दूर भी रहे थे। इसके बावजूद इस बल्लेबाज ने पिछले 10 सालों में 26 टेस्ट शतक जड़ें और शानदार वापसी करते हुए आईसीसी के नंबर वन टेस्ट बल्लेबाज भी बने। जिन्हें बाद में विराट कोहली ने पछाड़ दिया।
विराट कोहली
विश्व क्रिकेट के हर कोने में इस भारतीय बल्लेबाज ने अपना सिक्का चमका कर रखा है। कोहली ने जबसे 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाड़ अपना 'विराट' कदम टेस्ट क्रिकेट में रखा है तबसे सबको अपनी बल्लेबाजी से पीछे छोड़ते आए हैं। कोहली की बल्लेबाजी में दिग्गजों को सचिन, लारा और विवियन रिचर्ड्स जैसे धाकड़ खिलाड़ियों का रूप दिखाई देता है हालांकि कोहली के खेलने का अपना ही अंदाज है। इतना ही कप्तानी में भी कोहली का कोई जवाब नहीं है। इनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की। जिसक चलते इन्हें एक दशक की टेस्ट टीम का कप्तान कहा जाना भी गलत नहीं है। इस तरह कोहली ने पिछले 10 सालों में 84 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसकी 141 पारियों में 54.97 की शानदार औसत के साथ 7202 रन जड़ें। इस दौरान कोहली के बल्ले से 27 शतक और 22 अर्धशतक निकले। इसके चलते कोहली इस समय दुनिया के नंबर वन टेस्ट क्रिकेट बल्लेबाज हैं।
एबी डिविलियर्स
साउथ अफ्रीका के सबसे शानदार खिलाडियों में से एक एबी डिविलियर्स ने इस दशक में अपनी बल्लेबाजी से विश्व क्रिकेट में हर एक फैंस का दिल जीता। साल 2004 में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी का करियर ज्यादा लम्बा नहीं रहा और साल 2019 में विश्वकप से पहले इस खिलाड़ी ने अधिक थकान के चलते अचानक क्रिकेट से संन्यास ले लिया।हालांकि डिविलियर्स ने जब तक बल्लेबाजी की टेस्ट क्रिकेट में कई रिकॉर्ड को तोडा व अपने नाम किया। इस दौरान उन्होंने 114 टेस्ट मैच खेले जिसमें 50.66 की औसत से उन्होंने 22 शतक के साथ-साथ 8765 रन ठोंके। जबकि पिछले एक दशक यानी साल 2010 से बात करें तो डिविलियर्स के बल्ले से 60 टेस्ट मैचों में 57.48 की शानदार औसत के साथ 5059 रन निकले। जिसमें उनके नाम 13 शतक भी शामिल है।
विकेटकीपर
कुमार संगाकारा
पिछले एक दशक से टेस्ट क्रिकेट में अगर विकटों के पीछे जिस खिलाड़ी का जलवा रहा है तो उसमें सबसे आगे श्रीलंका के पूर्व खिलाड़ी कुमार संगाकारा रहे हैं। साल 2015 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने ना विकेटकीपिंग बल्कि बल्लेबाजी से भी सबको अपना दीवाना बनाया। टेस्ट क्रिकेट में जरूरी संयम, तकनीकी और शक्ति के पैमाने पर खरे उतरते हुए संगाकारा ने साल 2000 में डेब्यू किया था। जिसके बाद उन्होंने अपने करियर के दौरान खेले 134 टेस्ट मैचों में 57.40 की धाकड़ औसत से 12,400 रन ठोंके। जबकि कीपिंग में 182 कैच और 20 स्टंपिंग भी की। वहीं, इस दशक की बात करें तो 46 टेस्ट मैचों में संगाकारा ने 61.00 के औसत से 4851 रन ठोंके जिसमें उन्होंने 17 शतक जड़ें। यही कारण है कि उन्हें इस दशक की टेस्ट टीम का सबसे कुशल विकेटकीपर बल्लेबाज चुना गया है।
ऑल राउंडर्स
बेन स्टोक्स
टेस्ट क्रिकेट में जब भी सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स की बात आई तो साउथ अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी जैक कैलिस और बेन स्टोक्स में किसी एक को चुनना काफी कठिन रहा। मगर हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज में बेहतरीन बल्लेबाजी करने के कारण स्टोक्स इस रेस में कैलिस से आगे निकल गए। 25 अगस्त को हेडिंग्ले के मैदान पर स्टोक्स ने ऐसी पारी खेली जैसा लगा मानो साक्षात् भगवान बल्ला लेकर मैदान पर खेल रहे हो। पहली पारी में 67 पर ऑल आउट हो जाने के कारण इंग्लैंड को जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 362 रनों का लक्ष्य दिया था। ऐसे में स्टोक्स ने अकेले दम पर 135 रनों की नाबाद पारी खेलकर रोमांचक तौर पर इंग्लैंड को जीत दिलाई। इस पारी को एशेज के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। इस तरह स्टोक्स ने साल 2013 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा जिसके बाद से वो लगातार लाल गेंद के खेल में निखरते जा रहे हैं। स्टोक्स ने अभी तक अपने करियर में 59 टेस्ट मैच खेले हैं जिसकी 108 पारियों में 35.94 की औसत से 8 शतक के साथ 3738 रन जड़ें। जिसमें 258 रनों की उनकी सर्वोच्च पारी रही। वहीं गेंदबाजी में उनके नाम 137 विकेट हैं। जिसमें 22 रन देकर 6 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
आर आश्विन
टीम इंडिया के भरोसेमंद ऑफ स्पिन गेंदबाज व तकनीकी तौर पर शानदार बल्लेबाजी के कारण अश्विन को इस टीम में हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में शामिल किया गया है। इसमे कोई शक नहीं है कि अश्विन ने दुनिया की हर पिच पर अपनी गेंद के साथ-साथ बल्ले को भी घुमाया है। साल 2011 से टेस्ट क्रिकेट के नियमित गेंदबाज बने अश्विन ने अभी तक 70 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके नाम 362 विकेट हैं। जिसमें 27 बार पांच विकेट जबकि 7 बार वो 10 विकेट एक टेस्ट मैच में ले चुके हैं। इतना ही नही बल्लेबाजी में अश्विन के नाम 28.73 की औसत से 2385 रन व चार टेस्ट शतक भी शामिल है।
गेंदबाज
रंगना हेराथ
श्रीलंका के दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन के जाने के बाद रंगना हेराथ ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली और श्रीलंका के लिए पिछले 10 सालों में काफी शानदार गेंदबाजी का नजारा टेस्ट क्रिकेट में पेश किया।
हेराथ ने साल 1999 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। जिसके बाद से उन्होंने पिछले एक दशक में करियर के 93 टेस्ट मैचों में से 72 टेस्ट मैच खेले। जिसमें इन्होने 363 विकेट चटकाए और 30 बार पांच विकेट हॉल लिए। वहीं टेस्ट करियर की बात करें तो 93 टेस्ट मैचों में हेराथ के नाम 28।07 की औसत से 433 विकेट हैं। जो की उन्हें इस टीम में शामिल करने के पर्याप्त हैं।
डेल स्टेन
लाल गेंद से खेले जाने वाले क्रिकेट के असली खेल टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों का काफी अहम योगदान होता है। खासकर उन गेंदबाजो का जिनके पास गलती के साथ अंदर और बाहर गेंद को लहराने की महारथ हासिल होती है। कुछ ऐसी ही कला से संपन्न साउथ अफ्रीका के डेल स्टेन ने टेस्ट क्रिकेट की पिच अपनी गेंदों से काफी कहर बरपाया। जिसके चलते इन्हें इस टीम में शामिल किया गया है। साल 2004 में डेब्यू करने वाले स्टेन ने 93 टेस्ट मैच खेले जिसमे इस तेज गेंदबाज के नाम 439 विकेट रहे।
वहीं पिछले एक दशक की बात करें तो इंजरी होने के कारण वो ज्यादा मैच नहीं खेल पाए। इसके बावजूद 60 टेस्ट मैचों की 109 पारियों में गेंदबाजी करते हुए स्टेन ने 269 विकेट अपने नाम किए। जिसमें 15 बार पांच विकेट हॉल तो 2 बार 10 विकेट हॉल शामिल है।
जेम्स एंडरसन
टेस्ट क्रिकेट में स्विंग के बादशाह कहे नए वाले जेम्स एंडरसन की गेंदों का बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं होता है। एक ही टिप्पे से गेंद को अंदर व बाहर स्विंग कराने की एंडरसन की कला के आगे सभी नतमस्तक हैं। अपनी खतरनाक स्विंग गेंदबाजी के चलते एंडरसन को हमेसा टेस्ट क्रिकेट का शानदार गेंदबाज माना जाता रहा है। साल 2003 में डेब्यू करने वाले एंडरसन ने 149 टेस्ट मैचों में 575 विकेट चटकाए हैं। जो अपने आप में बेहद ही शानदार रिकॉर्ड है। इसमें 27 बार पांच विकेट हॉल तो 3 बार 10 विकेट हॉल शामिल है।
वहीं पिछले एक दशकी की बात करें तो 105 टेस्ट मैचों में इस गेंदबाज ने 24.19 की बेहतरीन औसत के साथ 427 विकेट चटकाए हैं। जिसमें 27 बार पांच विकेट हॉल भी शामिल है। यही कारण है कि एंडरसन को इस टीम में शामिल किया गया है।