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Happy B'day Irfan Pathan: महान ऑलराउंडर कपिल देव के वारिस कहलाते थे लेकिन.....

भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ और एक समय पोस्टर बॉय रहे इरफ़ान पठान की आज सालगिरह है. पठान 27 अक्टूबर 1984 में पैदा हुए थे. पठान ने 2003 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और बहुत जल्द एक ऑलराउंडर के रुप में ख़ुद को स्थापित कर लिया था.

Written by: India TV Sports Desk
Published : October 27, 2017 13:18 IST
Irfan Pathan
Irfan Pathan

नई दिल्ली: भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ और एक समय पोस्टर बॉय रहे इरफ़ान पठान की आज सालगिरह है. पठान 27 अक्टूबर 1984 में पैदा हुए थे. पठान ने 2003 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और बहुत जल्द एक ऑलराउंडर के रुप में ख़ुद को स्थापित कर लिया था. बॉलिंग के साथ-साथ उनकी बल्लेबाज़ी में दम देखकर  टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने उन्हें ओपनर भी बना दिया था. 

वसीम अकरम की तरह था बॉलिंग एक्शन

जिस तेज़ी से वह ऑलराउंडर के रुप में उभरे, उनकी तुलना भारते के महान ऑलराउंडर और पाकिस्तान के वसीम अकरम से की जाने लगी. उनका गेंदबाजी एक्शन अकरम की तरह था. वह गेंदों को स्विंग कराने में सक्षम थे. माना जाता है कि पठान का हालंकि बॉलिंग एक्शन वसीम अकरम से मिलता जुलता था लेकिन उन पर कपिल देव का ज़बरदस्त प्रभाव पड़ा है. पठान अपनी संक्षिप्त सफलता के बावजूद टॉप तक पहुंचे. एक समय उन्हें कपिल देव का उत्तराधिकारी माना जा रहा था लेकिन लगातार चोटों और प्रदर्शन में अनियमितता ने उनके करियर की रफ्तार को रोक दिया.

13 साल की उम्र में अंडर-16 टीम में आ गए

इरफान ने बचपन में दत्ता गायकवाड से क्रिकेट के गुर सीखे. उनकी प्रतिभा का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ 13 साल की उम्र में उनका अंडर 16 की बड़ौदा टीम के लिए चुनाव हो गया. 2001 में बड़ौदा की रणजी ट्रॉफी जीत में इरफान का अहम योगदान था. रणजी के पहले सीजन में इरफान ने 43.28 की औसत से 7 विकेट लिए और 12.50 की औसत से 75 रन बनाए. 

चयनकर्ता किरण मोरे ने इरफ़ान को चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन भेजा उन्होंने अपनी प्रतिभा को और निखारा. 2002 में इरफ़ान न्यूज़ीलैंड में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए चुने गए.  

इरफ़ान का भारतीय टीम में चयन एक इत्तफ़ाक

इरफ़ान का भारतीय टीम में चयन एक इत्तफ़ाक था. 2003 में ज़हीर ख़ान के चोटिल होने के बाद इरफान ने टेस्ट में अपनी पारी की शुरुआत की. पठान ने एडीलेड में दूसरा टेस्ट मैच खेला लेकिन कुछ ख़ास नहीं कर पाए इसलिए तीसरे टेस्ट में बाहर बैठा दिए गए हालंकि चौथे टेस्ट में उन्हें फिर से टीम में जगह मिली. इस मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाते हुए इरफ़ान ने गिलक्रिस्ट, रिकी पोन्टिंग और स्टीव वॉ को आउट किया. 

पहले ही ओवर में ली हैट्रिक

पठान पाकिस्तान के खिलाफ 2004 और 2006 की सिरीज़ में ज़बरदस्त फ़ॉर्म में दिखे. कराची में 2006 में हुए तीसरे टेस्ट में पठान ने पहले ही ओवर में हैट्रिक ली. ऐसा करने वाले वह पहले खिलाड़ी थे. उन्होंने सलमान बट्ट, यूनुस खान और मोहम्मद युसुफ को आउट किया था. 

विश्व कप में खेले पठान बंधु 

2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में दोनों भाइयों इरफ़ान पठान और यूसुफ़ पठान का चयन हुआ. इरफ़ान जहां विश्व कप के सारे मैच खेले वहीं युसूफ ज़्यादातर मैचों में बाहर थे. टूर्नामेंट के फाइनल में जब वीरेंद्र सहवाग चोटिल हो गए तो यूसुफ़ को ओपन करने के लिए कहा गया. इरफान कहते हैं, जब युसूफ को फाइनल में मौका मिला तो वह पल मेरे लिए यादगार पल था. हम दोनों के साथ खेलने का सपना पूरा हो रहा था. पठान परिवार के लिए टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दोनों भाइयों का खेलना गौरव का पल था. इस मैच में इरफान ने 4 ओवरों में सिर्फ 16 रन देकर 3 विकेट लिए. उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने शोएब मलिक (8), शाहिद आफरीदी (0) और यासिर अराफात (15) के विकेट लिए और भारत पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा. 

पठान बंधुओं की मैच जिताऊ पारी 

2008-9 के श्रीलंका दौरे पर दोनों पठान बंधु स्टार बन गए थे. कोलंबो टी-20 में श्रीलंका ने 20 ओवर में 4 विकेट पर 171रन बनाए. भारत की शुरुआत खराब रही. वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर दोनओं 14 के स्कोर पर पवेलियन लौट चुके थे. युवराज सिंह और सुरेश रैना ने टीम इंडिया की उम्मीदों का बनाए रखा लेकिन 16 ओवर में 115 रनों तक भारत 7 विकेट खो चुका था. भारत हार की तरफ बढ़ रहा था. भारत को 29 गेंदों पर जीत के लिए 57 रन चाहिए थे. दोनों भाइयों ने इस दौरान चार छक्के लगाए. युसूफ ने 10 गेंदों में 22 रनों की शानदार पारी खेली. इरफान ने 16 गेंदों पर 33 रन बनाए. इस तरह दोनों भाइयों ने टीम इंडिया को जीत दिलाई. 

कपिल देव के वारिस 

कपिल देव और इरफान पठान की तुलना यूं तो अजीब सी है, लेकिन फिर भी अगर ये तुलना की जाए तो काफी दिलचस्प बातें नजर आती हैं. टेस्ट मैचों में कपिल का औसत 31.5 का है और वन डे उनका औसत 23.79 का है जबकि इरफान का टेस्ट में औसत 31.57 का और वन डे में 23.39 का रहा है. इसके बावजूद इरफान का करियर कपिल के करियर से कोसों दूर दिखाई पड़ता है. 

बल्लेबाजी में भी जमाया रंग 

कई मौकों पर इरफान पठान ने बल्ले से अपनी क्षमताओं से ज्यादा बेहतर परफॉर्म किया है. उनकी बल्लेबाजी की झलक पहली बार 2005 में श्रीलंका के खिलाफ देखने को मिली. उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. इरफान 70 गेंदों पर शानदार 83 रनों की पारी खेली. इनमें 8 चौके और 4 छक्के शामिल थे. भारत ने यह मैच बड़े मार्जन से जीता. इरफान ने वन डे में पांच अर्धशतक लगाए हैं. उन्होंने चार बार 40 से अधिक रन भी बनाए. इनमें से दो बार यह रन दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए. टेस्ट में ओपनर के रूप में भी इरफान सफल रहे. 2005 में दिल्ली में उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए श्रीलंका के खिलाफ 93 रनों की पारी खेली. इरफान ने ब्रेट ली, स्टुअर्ट क्लार्क, मिशेल जॉनसन का बखूबी सामना किया. पर्थ में, 2008 में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पठान ने 46 रनों की पारी खेली. 2007 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ इरफान ने इकलौता टेस्ट शतक लगाया. 

आईपीएल में कई टीमों से खेले

इरफान पठान ने आईपीएल के चार सीजन खेले हैं. उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, सनराइज हैदराबाद और राइजिंग सुपरजाइंट्स का प्रतिनिधित्व किया है.

  

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