इस घटना का ज़िक्र बीसीसीआई के पूर्व सचिव जयवंत लेले की किताब 'आई वाज़ देअर – मेमोरीज़ ऑफ़ ए क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर' में भी है।
लेले के अनुसार दाऊद ने उनसे कहा था कि भारतीय खिलाड़ियों सहित वो अधिकारियों को भी उनके घर के दरवाज़े पर टोयोटा कार भेंट करेगा। उस समय लेले दाऊद को नहीं पहचानते थे।
लेले ने लिखा है कि "बहुत समय के बाद हमें पता चला कि जो व्यक्ति हमें 1987 में शरजाह में मिला था वो दाऊद इब्राहिम था जिसका मुंबई धमाकों में हाथ है।