लंदन। लोकश राहुल को दो साल पहले टेस्ट टीम से बाहर किए जाने पर पीड़ा पहुंची थी लेकिन इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने इसका इस्तेमाल इंग्लैंड के मौजूदा दौरे पर मजबूत वापसी के लिए ‘ईंधन’ के रूप में किया। यहां इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 129 रन बनाने वाले 29 साल के राहुल ने कहा कि वह अतीत की बातों पर ध्यान नहीं देते। वह साथ ही टीम में जगह पक्की करने के मौके का भी पूरा फायदा उठाना चाहते हैं।
राहुल ने साथी सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के साथ बात करते हुए कहा, ‘‘टेस्ट टीम से बाहर किया जाना निराशाजनक था, इससे पीड़ा पहुंची थी लेकिन इसके लिए मैं खुद ही दोषी था। मैंने मौका मिलने का इंतजार किया, जब मुझे मौका मिला तो मुझे लगा कि यह मेरे लिए ही है। मैंने सिर्फ अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया, लार्ड्स पर शतक से यह और अधिक विशेष हो गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अतीत के बारे में नहीं सोचता लेकिन यह ईंधन था, आपको इस दर्द की जरूरत थी क्योंकि इसने मुझे कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया। मुझे अब मौका मिला और मैं इसे बर्बाद नहीं करना चाहता था।’’
इंग्लैंड दौरे से पूर्व राहुल ने अपना पिछला टेस्ट अगस्त 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में खेला था। यह पूछने पर कि टेस्ट क्रिकेट से दो साल दूर रहने के दौरान उन्होंने क्या बदलाव किए राहुल ने कहा कि वह हर गेंद पर रन बनाने की मानसिकता से उबरने में सफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम से बाहर होने से पहले मैं अलग अलग परिस्थितियों में खेला, दक्षिण अफ्रीका में, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में। मैं पहली बार इन देशों का दौरा कर रहा था। मैंने महसूस किया कि मेरा मन स्थिर नहीं है, मुझे लगा कि प्रत्येक गेंद के लिए मेरे पास दो शॉट हैं, मैं सिर्फ रन, रन और रन के बारे में सोचता था।’’
राहुल ने कहा, ‘‘इस बार मैंने स्वयं से कहा कि सिर्फ गेंद को खेलो और रन ही तलाश में मत जाओ। यह रातों रात नहीं हुआ। इन दो वर्षों में अन्य बल्लेबाजों को बाहर बैठकर खेलते हुए देखता था और अभ्यास करता था। प्रक्रिया वही है कि बल्लेबाज रन कैसे बनाए और पारी को आगे बढ़ाए। मुझे खुशी है कि इससे मदद मिली।’’
लार्ड्स पर शतक के संदर्भ में राहुल ने कहा, ‘‘यह बेहद विशेष है। इसलिए नहीं कि यह लार्ड्स पर बनाया शतक है। यह रोमांचक और खुशी को बढ़ाता है। यह जब बड़ा हो रहा था तो टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहता था। मेरे पिता को टेस्ट क्रिकेट पसंद है और मेरे कोच हमेशा चाहते थे कि मैं टेस्ट क्रिकेट में अच्छा करूं।’’
राहुल की पारी की तारीफ करते हुए रोहित ने कहा, ‘‘मैंने इससे पहले उसे इस तरह खेलते हुए नहीं देखा। इस तरह का धैर्य और सहजता, विशेषकर तब जब आप इस तरह के हालात में बल्लेबाजी कर रहे हों। एक टीम के रूप में यह शानदार साझेदारी थी।’’