भारतीय टीम के बल्लेबाज लोकेश राहुल ने उस पल को याद किया है जब उन्हें पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से टेस्ट कैप मिली थी। राहुल ने ट्विटर पर अपने प्रशंसकों के साथ सवाल-जवाब सत्र में मैदान के अंदर और बाहर की कई चीजों पर बात की।
इसी दौरान राहुल से उनके टेस्ट डेब्यू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह उम्मीद नहीं कर रहे थे कि उन्हें 2014 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलेगा। राहुल को तत्कालीन कप्तान धोनी ने टेस्ट कैप दी थी जो उनके लिए गर्व का पल था।
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उन्होंने लिखा, "मेरे लिए वो विशेष और भावुक पल था। मुझे कभी नहीं लगा था कि मुझे उस सीरीज में खेलने का मौका मिलेगा। धोनी से कैप लेना मेरे लिए विशेष अहसास था।"
राहुल का डेब्यू हालांकि अच्छा नहीं रहा था और वह मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले गए टेस्ट मैच की दोनों पारियों में क्रमश: तीन और एक रन ही बना पाए थे।
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कोविड-19 से पहले के दौर में राहुल को भारत की वनडे और टी-20 टीम में विकेटकीपर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी। न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। राहुल ने कहा कि जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज के खिलाफ विकेटकीपिंग करना आसान नहीं होता।
राहुल ने कहा, "मैं विकेटकीपिंग का लुत्फ उठाता हूं। जसप्रीत बुमराह के खिलाफ विकेटकीपिंग करना सबसे मुश्किल है।"
अगर कोविड-19 के कारण हालात खराब नहीं हुए होते तो राहुल इस समय आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की कप्तानी कर रहे होते।