नई दिल्ली: 2013 में कथित स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में फंसे भारतीय गेंदबाज एस श्रीसंत पर केरल हाई कोर्ट ने बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध को फिर से बहाल कर दिया है। इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने श्रीसंत पर लगे बैन को हटा दिया था। जिसके खिलाफ बीसीसीआई ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
कोर्ट ने बीसीसीआई की अपील को सही मानते हुए श्रीसंत पर लगे बैन को जारी रखने का निर्देश दिया है। कोच्चि स्थिति केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने कहा कि श्रीसंत को बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी क्रिकेट गतिविधियों से दूर रहना होगा।
गौरतलब है कि 7 अगस्त 2017 को इस मामले पर हाईकोर्ट की एक सदस्यीय बेंच ने सुनवाई के दौरान बोर्ड की आलोचना करते हुए कहा था, 'बीसीसीआई इस बैन को सही ठहराने में विफल साबित हुआ है। उसने कार्रवाई करते हुए सभी साक्ष्यों पर ध्यान देने की बजाए साक्ष्य सिर्फ एक छोटे से हिस्से को अपने फैसले का आधार बनाया है। इसके चलते बोर्ड की अनुशासनात्मक समिति प्रस्तुत साक्ष्यों में सच तक नहीं पहुंच पाई। जिसके बाद श्रीसंत को बरी कर दिया गया था।
कोर्ट के इस फैसले से निराश श्रीसंत ने अपने ट्विटर अकाउंट पर नाराजगी जाहिर करते हुए बीसीसीआई पर कई सवाल उठाए हैं। श्रीसंत ने पूछा कि लोढा कमेटी की रिपोर्ट में जो 13 नाम सामने आए थे उनका क्या हुआ। साथ उन्होंने ये भी लिखा कि ये अबतक का सबसे घटिया फैसला है और चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स जो असली दोषी हैं उनका क्या हुआ।
इसके अलावा श्रीसंत ने अपने फैंस को ये भी भरोसा दिलाया कि वो हार नहीं मानने वाले। उन्होंने कहा मेरे परिवार वालों को मुझपर विश्वास है और मैं इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा।