नयी दिल्ली: कर्नाटक के बायें हाथ के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद (33) ने विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट का चैम्पियन बनने के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। अरविंद ने 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। इस मैच में उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट लिया था।
अरविंद ने कहा,‘‘मैंने घरेलू क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं जीत के साथ करियर को खत्म करना चाहता था और विजय हजारे के फाइनल में जीत से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था।’’
अपने दस साल के करियर में अरविंद ने 56 प्रथम श्रेणी मैच में 186 विकेट झटके जिसमें दो बार पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं। धीमी पिचों पर वह अक्सर बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने 84 टी20 मैचों में 103 विकेट लिये। उन्होंने आईपीएल के कुछ सत्रों में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के लिए भी खेला हैं। अरविंद ने कहा कि टीम में प्रसिद्ध कृष्णा और टी प्रदीप जैसे काबिल तेज गेंदबाजों के आने के बाद उन्होंने करियर के शीर्ष पर संन्यास लेने का फैसला किया।
अरविंद ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का शुक्रिया अदा करते हुये कहा,‘‘मैं किसी प्रतिभावान खिलाड़ी के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहता हूं। मुझे लगा यह सही समय है। मैंने इस फैसले के बारे में टीम के खिलाड़ियों को कल रात ही बता दिया था। राज्य का प्रतिनिधित्व का मौका देने के लिए मैं केएससीए का शुक्रगुजार हूं, मैं अपने अभिभावकों और भगवान का भी आभारी हूं।’’
अरविंद से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम और आईपीएल में नजरअंदाज किये जाने से उन्होंने ऐसा फैसला लिया तो उन्होंने कहा, ‘‘ नहीं, मैं ऐसा नहीं सोचता, यह बहुत निजी फैसला है।’’
अरविंद ने आर विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के साथ मिलकर सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों की तिकड़ी बनायी। उनके टीम में रहते हुये कर्नाटक ने सभी राष्ट्रीय टूर्नामेंट अपने नाम किये जिसमें रणजी ट्राफी, ईरानी कप, विजय हजारे ट्राफी और सैयद मुश्ताक अली टी20 चैम्पियनशिप शामिल है।