नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अगले राष्ट्रीय कोच के चयन का जिम्मा कपिल देव की अगुवाई वाली तदर्थ समिति को सौंपा है और इस फैसले से उच्चतम न्यायालय से नियुक्त पैनल में मतभेद हो सकते हैं। तदर्थ समिति में पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं और उन्होंने इससे पहले दिसंबर में डब्ल्यूवी रमन को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था।
एक सदस्य ने पीटीआई से पुष्टि की कि बीसीसीआई ने पुरूष टीम का मुख्य कोच चुनने के लिये भी उनसे संपर्क किया है। इससे पहले जब सीओए में दो सदस्य चेयरमैन विनोद राय और पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी थे। इनमें से एडुल्जी ने महिला कोच चयन प्रक्रिया को असवैंधानिक करार दिया था।
उनका कहना था कि केवल क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ही कोच का चयन कर सकती है। सीओए अब तीन सदस्यीय पैनल है। फरवरी में लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोड़गे को इसमें शामिल किया गया था। लेकिन सीएसी के भविष्य को लंकर गंभीर आशंकाएं हैं जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। इसलिए सीओए ने तदर्थ समिति को यह काम सौंपना उचित समझा।
तेंदुलकर को जहां हितों के टकराव के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है वहीं बीसीसीआई संविधान के तहत गांगुली और लक्ष्मण को अपनी कई भूमिकाओं में से किसी एक का चयन करने के लिये कहा गया है। सीओए ने हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया है। कपिल देव और रंगास्वामी भी हितों के टकराव के दायरे में आते हैं क्योंकि बीसीसीआई संविधान के अनुसार वे भी खिलाड़ियों के संघ के गठन के लिये जिम्मेदार हैं।
बीसीसीआई ने मंगलवार को मुख्य कोच सहित पुरूष टीम के सहयोगी स्टाफ के लिये आवेदन आमंत्रित किये। मुख्य कोच की उम्र 60 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए और उसे कम से कम दो साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अनुभव होना चाहिए। सभी पदों के लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई है।
वर्तमान सहयोगी स्टाफ में मुख्य कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरूण, बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर हैं और उनका कार्यकाल विश्व कप के बाद 45 दिन के लिये बढ़ाया गया है। इस तरह से तीन अगस्त से तीन सितंबर तक चलने वाले वेस्टइंडीज दौरे में टीम के साथ बने रहेंगे।