टी20 आनी फटा-फट क्रिकेट के आने से क्रिकेट के मैदान पर छक्कों की बरसात देखना दर्शकों के लिए आम बात हो गई है। कई बार तो ऐसा होता है कि बल्लेबाज अंत के कुछ ओवर में आता है और सिर्फ छक्के लगाकर जाता है, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तब छक्का लगाना इतना आसान नहीं हुआ करता था।
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में हुई थी, लेकिन दर्शकों को टेस्ट क्रिकेट में पहला छक्का देखने के लिए लगभग 21 साल तक का इंतजार करना पड़ा था। जी हां, पहले टेस्ट क्रिकेट में छक्का मारने के लिए बल्लेबाज को गेंद को स्टेडियम से बाहर मारना पड़ा था और ये कारनामा सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज जो डार्लिंग ने 14 जनवरी 1898 को एडिलेड के मैदान पर करके दिखाया था।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच उस समय खेले गए टेस्ट मैच में जो डार्लिंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 176 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस पारी के दौरान उन्होंने एक-दो बार नहीं बल्कि तीन बार गेंद को मैदान से बाहर भेज छक्का बटौरा था और इसी के साथ उनका नाम इतिहास के पन्नों में लिखा गया था।
जो डार्लिंग की उस पारी की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 573 रन बनाए और इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम दो बार ऑल आउट हो गई थी। इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में 278 और दूसरी पारी में 282 रन बनाए थे। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 1 इनिंग और 13 रनों से जीता था।