मुंबई में खेले गए आखिरी टी-20 मैच में टीम इंडिया ने 5 विकेट से जीत दर्ज की। इसके साथ ही रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी-20 सिरीज़ में श्रीलंका पर क्लीन स्वीप किया। इस टी-20 सिरीज़ में कप्तान रोहित शर्मा ने टीम को फ्रंट से लीड किया। रोहित बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों ही मोर्चे पर सुपरहिट साबित हुए।
पूरी सिरीज़ में भारतीय टीम ने एक यूनिट की प्रदर्शन किया। बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। खासकर युवा गेंदबाज जयदेव उनादकट ने इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनादकट ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए सिरीज़ के तीन मैचों में 9 ओवर डाले और 4 विकेट लिए।
इतना ही नहीं उनादकट सिरीज में सबसे कंजूस गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने तीन मैचों में 4.88 की इकोनॉमी रेट से महज 44 रन दिए। कटक में पहले टी-20 मैच में उन्होंने 7 रन देकर 1 विकेट लिया था। इसके बाद दूसरे टी-20 में उन्होंने 22 रन देकर एक विकेट लिया था। वहीं मुंबई में हुए आखिरी टी-20 में उनादकट ने 15 रन देकर दो अहम विकेट चटकाए। वैसे इस दौरान खास बात ये रही कि उनादकट ने 3 मैचों में निरोशन डिकवेला का विकेट लिया।
उनादकट को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द मैच' और 'मैन ऑफ द सिरीज़' के अवॉर्ड से नवाजा गया।
टी-20 सिरीज़ करियर के लिए निर्णायक साबित होगी- उनादकट
एक साल बाद टीम में वापसी करने वाले बायें हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट का मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सिरीज़ में उम्दा प्रदर्शन उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित होगा। उन्होंने कहा,‘‘इस सिरीज़ से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। मुझे इस समय इसकी जरूरत थी और इस लय को आगे भी कायम रखना चाहूंगा।
उनादकट ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। फिर 2013 में सात वनडे खेले और जून 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 क्रिकेट में डेब्यू किया। आशीष नेहरा के संन्यास लेने के बाद उनकी वापसी की उम्मीदें प्रबल हुई। उन्होंने कहा,‘‘ये टीम मैनेजमेंट को देखना है लेकिन बायें हाथ के तेज गेंदबाज के होने से टीम के पेस अटैक में वैराइटी मिलती है।’’