कोरोना वायरस महामारी के बीच क्रिकेट जगत में लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किए जाने पर सबसे ज्यादा बहस हो रही है। इस बहस में अब भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ भी कूद पड़े हैं। जवागल श्रीनाथ ने कहना है कि लार के इस्तेमाल पर बैन के बाद पसीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति ने कोरोनोवायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पिछले महीने ही गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। साथ ही लार के विकल्प के तौर पर किसी भी कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी थी।
13 साल के लंबे करियर में 551 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले जवागल श्रीनाथ ने कहा कि गेंदबाज लार की तुलना में पसीना ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और जब खेल फिर से शुरू होगा तो इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
श्रीनाथ ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मुझे लगता है कि लार के बाद पसीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वास्तव में, हम लार की तुलना में अधिक पसीने का उपयोग करते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यह वास्तव में मायने नहीं रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मुंह में हाथ डालना और गेंद को रगड़ना एक आदत है। पसीने की अनुमति हमेशा दी गई थी और भविष्य में लार की तुलना में पसीने की अधिक भूमिका होगी।"
इससे पहले कुंबले ने कहा था कि लार पर प्रतिबंध अंतरिम उपाय है और कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति से खेल में रचनात्मकता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम गेंद पर कुछ अन्य पदार्थ का उपयोग कर सकते हैं। गेंद पर क्या उपयोग करना है और क्या नहीं इसको लेकर इतने वर्षों तक हमारा रवैया बेहद कड़ा रहा है।’’
कुंबले ने कहा, ‘‘गेंद पर बाहरी पदार्थ के उपयोग को लेकर हमारा रवैया बेहद सख्त रहा है। हमने इस बात को महसूस किया। हमें रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।’’ कुंबले ने हालांकि स्वीकार किया कि खिलाड़ियों के लिये लार का उपयोग नहीं करने से सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों के लिये इससे सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा और इसलिए मेरा मानना है कि यह अभ्यास की बात है जिसे उन्हें धीरे धीरे शुरू करना होगा क्योंकि आपको वापसी करते ही मैच नहीं खेलना है। ’’