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बचपन में बुमराह के एक्शन को लेकर उड़ाया जाता था मजाक, अंडर-19 ट्रायल के दौरान भी हुआ था विरोध

बचपन के कोच ने कहा "लड़कों ने कहा कि वह (बुमराह) गेंद थ्रो कर रहे हैं और उनका एक्शन ठीक नहीं है। मैं भी हैरान था कि छोटे से रनअप से बुमराह को कैसे इतना पेस मिल रहा था।"

Reported by: IANS
Published on: February 27, 2021 18:21 IST
Jasprit Bumrah was mocked for his action, there was protest even during the under-19 trial- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Jasprit Bumrah was mocked for his action, there was protest even during the under-19 trial

अहमदाबाद। जब जसप्रीत बुमराह अपने स्कूल की अकादमी में अपने क्विक आर्म एक्शन और शॉर्ट रनअप से बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे तब कुछ पेस बॉलिंग ट्रेनीज अपने कोच के पास गए थे और बुमराह के एक्शन पर शक जाहिर करने के साथ-साथ उनका मजाक भी उड़ाया था। निर्माण हाई स्कूल के रॉयल क्रिकेट अकादमी (आरसीए) के कोच किशोर त्रिवेदी याद करते हैं, "लड़कों ने कहा कि वह (बुमराह) गेंद थ्रो कर रहे हैं और उनका एक्शन ठीक नहीं है। मैं भी हैरान था कि छोटे से रनअप से बुमराह को कैसे इतना पेस मिल रहा था।"

बुमराह की मां उस समय इसी स्कूल में शिक्षिका थीं और फिर बाद में वहीं उपप्राधानाचार्य बन गईं।

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किशोर याद करते हैं, "उसका एक्शन असामान्य था लेकिन मैंने कहा कि वह थ्रो नहीं कर रहे हैं। मैंने लड़कों से कहा कि उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि बुमराह का फ्रंट आर्म काफी ऊंचाई तक जाता है।"

त्रिवेदी को लगा कि बुमराह के एक्शन में सुधार की जरूरत है लेकिन ज्यादा नहीं। इसीलिए उन्होंने उनके एक्शन में थोड़ा बदलाव किया।

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किशोर कहते हैं, "मैंने बुमराह से कहा कि वह गम्भीरता से खेलना शुरू करें तो मैं उन्हें आरसीए टीम के लिए टूर्नामेंट्स खेलने के लिए भेजूंगा। अपनी रफ्तार से वह चर्चा में आने लगे। इसके बाद मैंने उनसे कहा कि वह चयन के लिए जाएं। मैंने साथ ही उनसे कहा कि वह अपना एक्शन नहीं बदलें। यह आपका नेचुरल एक्शन है और यह बदला नहीं जाना चाहिए। यह आपका हथियार है।"

ये वो वक्त था जब बुमराह ने एज ग्रुप क्रिकेट नहीं खेला था। वह अंडर-16 में भी नही खेले थे। इसी कारण उनकी मां को उनके क्रिकटर बनने पर शक था लेकिन किशोर ने उन्हें समझाया कि उनका बेटा काफी आगे जाएगा।

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इसके बाद बुमराह अपने राज्य गुजरात के लिए अंडर-19 टीम की ट्रायल के लिए गए। यहां भी बुमराह को कुछ लोगों का विरोध झेलना पड़ा और वह भी सिर्फ एक्शन को लेकर। कुछ चयनकर्ता उनके एक्शन को लेकर अलग ही राय रखते थे।

इसके बाद यह फैसला लिया गया कि अगर उनका चयन मुख्य टीम के लिए नहीं होता है तो उन्हें रिजव के तौर पर रखा जाएगा। साल 2013 में बुमराह अपने राज्य के लिए टी20 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलने गए। वहां गुजरात के पूर्व खिलाड़ी और कोच हितेश मजूमदार ने उन्हें देखा।

टी20 घरेलू टूर्नामें से बुमराह का चयन 2013 आईपीएल के लिए मुम्बई इंडियंस टीम में हुआ। अगले सीजन में वह रणजी खेले और फिर लगातार आईपीएल में खेले। फिर दो साल के बाद वह ऑस्ट्रेलिया जाने वाली फ्लाइट में थे और इसके बाद उनके करियर में जो कुछ हुआ वह सबके सामने है।

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