कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से बंद पड़े क्रिकेट आयोजन एक बार फिर से शुरू होने की कगार पर है। कोरोना महामारी के बीच इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहली बायलेटरल सीरीज खेली जाएगी। दोनों टीमों तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए मैदान पर उतरने के लिए तैयार है।
हालांकि इस बीच क्रिकेट के कई जानकर ने यह कहा कि इस महामारी के दौर में कमजोर वेस्टइंडीज की टीम बलि का बकरा बन रही है और सिर्फ पैसों के लालच में इतना बड़ा जोखिम उठाने के लिए तैयार हो गई है। वहीं दुनिया के अन्य बड़े देश जैसे ऑस्ट्रेलिया और भारत अभी भी क्रिकेट की बहाली को लेकर कुछ विषेश तैयारी नहीं कर रहे हैं।
ऐसे में वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने इस सभी बातों का खंडन करते हुए इंग्लैंड दौरे को लेकर अपनी सफाई दी है। होल्डर ने ‘बीबीसी स्पोर्ट’ से कहा, ‘‘कई लोग क्रिकेट की वापसी चाह रहे थे। ऐसा नहीं है कि हम बलि का बकरा बनना चाहते थे। हमारा इन गर्मियों में ब्रिटेन का दौरा करने का शुरू से ही कार्यक्रम था। जब हमने इसकी संभावनाओं को लेकर बात की तो हर कोई सहज था और अब हम यहां हैं। ’’
आपको बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी का व्यापक प्रभाव पड़ा है जहां अभी तक इस बीमारी के कारण 40,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ कैरेबियाई देशों में बहुत कम संख्या में मामले सामने आये हैं। होल्डर ने कहा कि उनके यहां आने का कारण पैसा नहीं है और वे स्वास्थ्य से समझौता नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिये पैसों से जुड़ा मसला नहीं है। हम सुरक्षा चाहते हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे लिये उचित व्यवस्था की जाए और हम उस पर अमल करें। ’’
होल्डर ने कहा, ‘‘अगर आप खुद को एक स्वास्थ्यकर्मी या इस महामारी के दौरान काम करने के वाले व्यक्ति की जगह रखकर देखो तो पाओगे कि उन्हें इस घर में बैठने या वायरस से दूर रहने का मौका नहीं मिला। हम भाग्यशाली हैं कि हम उस स्थिति में नहीं है लेकिन किसी समय आपको स्थितियां सामान्य लाने क लिये अपनी तरफ से प्रयास तो करने ही होंगे। ’’
वेस्टइंडीज की टीम ब्रिटेन में पहुंचने के बाद ओल्ड ट्रैफर्ड में आइसोलेशन पर है। टीम यहां तीन सप्ताह तक प्रैक्टिस करेंगी। होल्डर इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की व्यवस्था से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि उनके ठहरने के स्थान पर हैंड सैनिटाइजर, एक बार उपयोग होने वाले दस्ताने और थर्मामीटर बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की चीजों से आपको राहत मिलती है और आप अधिक सहज होकर रहते हो। अगर ऐसी चीजें नहीं होती तो आपको चिंता रहती कि क्या वे वास्तव में सुरक्षित हैं।’’