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फटाफट क्रिकेट की वजह से टेस्ट मैच में फ्लॉप हुए केएल राहुल!

इंग्लैंड में फ्लॉप होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दो टेस्ट में उन्होंने 2, 44, 2 और 0 रन बनाए।

Written by: Bhanu Prakash
Published : December 20, 2018 22:50 IST
फटाफट क्रिकेट की वजह से टेस्ट मैच में फ्लॉप हुए केएल राहुल!
Image Source : GETTY फटाफट क्रिकेट की वजह से टेस्ट मैच में फ्लॉप हुए केएल राहुल!

टीम इंडिया का प्रतिभाशाली बल्लेबाज माने जा रहे केएल राहुल के सितारे इन दिनो गर्दिश में हैं। राहुल का बल्ला इन दिनों खामोश है। उन्होंने साल 2018 में  टेस्ट मैच की 22 पारियों में महज 468 रन बनाए हैं उनका औसत महज 22.28 का है। इंग्लैंड में फ्लॉप होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दो टेस्ट में उन्होंने 2, 44, 2 और 0 रन बनाए। ऐसे में सवाल उठने लगा कि तकनीकी रुप से सक्षम केएल राहुल को क्या हो गया है? उनके बल्ले से होने वाली रनों की बारिश पर किसकी नजर लग गई। 

दरअसल के एल राहुल का टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 2014 में शानदार तरीके से ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर हुआ था। उन्होंने धमाकेदार शुरुआत की और उनके तकनीक और टेम्परामेंट की क्रिकेट के पंडितों ने जमकर तारीफ की। यहां तक कहा जाने लगा कि टीम इंडिया की ओपनिंग की समस्या खत्म हो गई। एक भरोसेमंद बल्लेबाज मिल गया जो विदेश में उछाल भरी पिचों पर जमकर और तेजी से रन बटोर सकता है। लेकिन चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उनके तकनीक और टेंपरामेंट पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हर तरफ उनकी जमकर आलोचना हो रही है। 

असल में बीते आईपीएल में केएल राहुल की नीलामी 11 करोड़ में हुई। राहुल की आंधी में सब नामी प्लेयर टिक नहीं पाएं। तड़क-भड़क वाले इस फटाफट क्रिकेट में किंग्स एलेवन पंजाब के लिए के एल ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। के एल ने बल्ले से रनों की झड़ी लगी दी, उन्होंने 14 मैच में 659 रन बनाए जिसमें नाबाद 95 रनों की पारी भी थी उनका औसत 54.91 का रहा। लेकिन आईपीएल में राहुल के बल्ले की चमक, टेस्ट मैच में उनके बैट की चमक बेरंग करने लगा। भारत के स्लो पिच पर 20 ओवर के छोटे फॉरमेट वाले गेम में जैसे-तैसे बल्ला चलाने से शायद उनकी तकनीक पर असर पड़ा और टेस्ट क्रिकेट में उनके बल्ले से रनों का सूखा पड़ गया। टेस्ट क्रिकेट में 5 शतक लगा चुके के एल राहुल तेज गेंदबाजों के सामने असहाय दिख रहे है, कभी स्विंग से मात खा रहे हैं तो कभी तेज गेंद उनके बल्ले को छका कर स्टंप को चूम ले रही है। 

आलम ये है कि राहुल पिछली 11 पारियों में सर्वाधिक सात बार क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। इसी के साथ राहुल ने महान सुनील गावस्कर के एक अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। दोनों ओपनर्स एक टेस्ट की दोनों पारियों में सबसे ज्यादा बार क्लीन बोल्ड  हुए है। ऐसे में राहुल ने गावस्कर की बराबरी कर ली लेकिन अटपटी बात ये है कि जहां गावस्कर 125 टेस्ट में तीन बार दोनों पारियों में क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौटे, वहीं राहुल ने अपने करियर के केवल 33वें टेस्ट में ही इस शर्मनाक रिकॉर्ड की बराबरी की।

लिहाजा जो क्रिकेट के जानकार पहले राहुल की बल्लेबाजी कि जमकर तारीफ कर रहे हैं वो अब खुलकर राहुल के तकनीक पर सवाल उठा रहे हैं। टीम मैंनेजमेट भी राहुल के परफॉरेंस से खासा परेशान है। पर्थ टेस्ट में राहुल के बोल्ड होने पर कॉमेंटेर का कहना था कि राहुल का पांव चल नहीं रहा। वो मानसिक तौर पर भी कमजोर हो गए है। जिससे गेंद को पढ़ पाने में राहुल नाकाम हो रहे हैं। हाल तक राहुल को लंबी रेस का प्लेयर बताने वाला टीम मैनेंजमेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में राहुल को बाहर बैठाने का मन बना चुका है।  

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