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टी-20 के लिए चुक गए हैं धोनी? जी नहीं, उम्र के साथ वो निखरे ही हैं, देखें रिकॉर्ड्स

इन दिनों टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी अपने फ़ॉर्म, ख़ासकर खेल के सबसे छोटे प्रारुप टी-20 में, को लेकर चर्चा में हैं. बहस ये है कि क्या धोनी को अब टी-20 को अलविदा कह देना चाहिए.

Written by: India TV Sports Desk
Published : November 07, 2017 15:30 IST
MS Dhoni
MS Dhoni

हमारे मुल्क में क्रिकेट किसी धर्म से कम नहीं है जिसे लोग अपनी आस्तीनों में लगाकर रखते हैं. यही वजह है कि एक मैच जिताकर कोई खिलाड़ी जहां रातों रात स्टार बन जाता है वहीं हार की वजह बनने पर उसे कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है. इसमें नया पुराना कोई भी खिलाड़ी हो सकता है. इन दिनों टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी अपने फ़ॉर्म, ख़ासकर खेल के सबसे छोटे प्रारुप टी-20 में, को लेकर चर्चा में हैं. बहस ये है कि क्या धोनी को अब टी-20 को अलविदा कह देना चाहिए. पूर्व बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि अब धोनी को युवाओं की ख़ातिर टी-20 टीम में अपनी जगह छोड़ देनी चाहिए हालंकि पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग लक्ष्मण की राय से इत्तफ़ाक नहीं रखते. 

फ़िनिशर का तमग़ा धोनी ने नहीं मांगा

दरअसल इस पूरी बहस के पीछे राजकोट में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टी-20 में मिली हार है. कहा जा रहा है कि धोनी की धीमी बैटिंग की वजह से टीम इंडिया मैच हारी. इस मैच में विराट कोहली के 65 रनों के बाद धोनी का 37 गेदों पर 49 का स्कोर सबसे ज्यादा था. ये बात अलग है कि शुरु में धोनी स्लो खेले थे और स्ट्राइक भी रोटेट नहीं कर पा रहे थे. धोनी को मैच फ़िनिशर का ख़िताब दिया जाता है लेकिन मज़े की बात ये है कि अगर कोई बल्लेबाज़ 50 मैच खेलने के बाद अगर आठ-दस मैचों में टीम को संकट के बाहर निकाल कर जीत हासिल करता है तो क्या उसे फिनिशर कहना उस खिलाड़ी की ग़लती है? टीम इंडिया ने पिछले साल नवंबर से अब तक नौ टी-20 मैच हारे हैं और इन अधिकतर मैचों में धोनी ने बचे-कुचे ओवरों में जो बेहतर हो सकता था, वो किया. 

जब कोई नहीं चला तो चले धोनी

पिछले साल नागपुर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टी-20 विश्व कप के मैच में रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवराज सिंह और सुरैश रैना तीनों ने मिलकर 11 रन बनाए थे और कोहली भी 23 पर आउट हो गए थे. धोनी ने उस मैच में सबसे अधिक 30 रन बनाए थे. इसी तरह वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में धोनी को सिर्फ 9 बॉल खेलने को मिली थी जिसमें उन्होंने 15 रन बनाए थे. अमेरिका के शहर लंडरहिल में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ भारत 245 के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और धोनी ने 25 गेंदों में न केवल 43 की पारी खेली बल्कि केएल राहुल के साथ बड़ी साझेदारी करके मैच को बचाने की कोशिश भी की थी. ये मैच भारत एक रन से हार गया था.

टी-20 में उम्र के साथ धोनी का खेल निखरा ही है

आंकड़ों पर नज़र  डालें तो धोनी का टी-20 में खेल उम्र के साथ और निखरा है. 2016 में धोनी ने 21 मैचों में 159 गेंदों का सामना किया और 149 के स्ट्राइक रेट से 238 रन बनाए थे. 2017 में वह अब तक खेले 9 मैचों में ही 131 के स्ट्राइक रेट से 129 गेंदों पर 169 रन बना चुके हैं. इस दौरान उनके 11 चौके और छह छक्के भी हैं.

राजकोट मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने धोनी का बचाव करते हुए कहा भी था कि हम दोनों ने अच्छी बैटिंग की. इससे स्पष्ट है कि कप्तान और कोच रवि शास्त्री को धोनी पर पूरा भरोसा कम नहीं हुआ है. अगले साल चेन्नई सुपरकिंग्स की आईपीएल में वापसी हो रही है और कमान धोनी को ही संभालनी हैं. सहवाग का कहना है कि धोनी टीम में एक खिलाड़ी की हैसियत से हैं और उन्हें खिलाना या न खिलाना कप्तान और टीम प्रबंधन का फ़ैसला है. धोनी को ख़ुद ये फ़ैसला नहीं करना चाहिए. 

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