कोरोना वायरस महामारी के बीच पूरी दुनिया में इस समय नस्लीय भेदभाव का मुद्दा चरम पर है। इस मुद्दे पर पर कई क्रिकेटरों ने अपनी आवाज बुलंद की है जिसमें वेस्टइंडीज और भारतीय क्रिकेटर शामिल हैं।
इस मामलें में अब पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने अपनी बात रखी है। इरफान पठान का कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। धर्म के कारण भी लोगों को नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।"
पठान ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है।’’ पठान से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनका निजी अनुभव है या उन्होंने ऐसा महसूस किया है तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘ऐसा मुझे लगता है और मुझे लगता है कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।’’
गौरतलब है कि अमेरिका के मिनियापोलीस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को मार दिए जाने के बाद दुनिया के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मुद्दे पर कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
हाल ही में वेस्टइंडीज पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने आरोप लगाया है कि 2014 आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की उनकी टीम के कुछ साथियों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की थी। भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के एक पुराने इंस्टाग्राम पोस्ट ने सैमी के उस दावे को पुख्ता कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम सनराइजर्स हैदराबाद से खेलते समय उनके साथ नस्लीय भेदभाव किया जाता था।
सैमी ने टीम के साथी खिलाड़ियों से माफी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें जब से इसका मतलब पता चला तब से वह काफी निराश है। टी20 विश्व कप खिताब दो बार जीतने वाले कप्तान ने पहले कहा था कि उन्हें ‘कालू’ कह कर बुलाया जाता था, अब उन्हें पता चला है जिस नाम से उनका संबोधन होता था वह नस्लीय है।