टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इऱफ़ान पठान से बड़ौदा टीम की कप्तानी छीन ली गई है. उनकी जगह दीपक हुड्डा को कप्तान बनाया गया है. इरफ़ान ने रणजी ट्रॉफ़ी में पहले दो मैचों में बड़ौदा टीम की अगुवाई की थी लेकिन उन्हें एक नवम्बर को त्रिपुरा के ख़िलाफ़ होने वाले मुकाबले के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) के सचिव स्नेहल पारिख ने इसकी पुष्टि की है. केदार देवधर टीम के उप-कप्तान होंगे.
इस बारे में पूछे जाने पर इरफ़ान पठान ने कहा, ''मुद्दा परफॉर्मेंस नहीं है, फिटनेस मुद्दा नहीं है। अनुशासन मुद्दा नहीं है। वजह आपको बीसीए से बाहर पता लगेगी.”
पारिख का तर्क है कि 33 वर्षीय पठान को इसलिए, टीम में शामिल नहीं किया गया है ताकि युवा खिलाड़ियों को मौका मिल सके। पारिख ने कहा, “पठान ने पहले दो मैच खेले हैं। हमें अपनी प्रणाली का पालन भी करना होगा. हमने इस प्रणाली को युवा टीम के निर्माण के लिए बनाया है. इस कारण, हमें युवा खिलाड़ियों को भी मौका देना होगा.
बहरहाल सूत्रों इरफ़ान पठान को कप्तानी से हटाने का दूसरा ही कारण बताते हैं. उनके अनुसार सिलेक्टर्स ने इरफान से आंध्र के ख़िलाफ़ मैच में एक स्पिनर विशेष को टीम में शामिल करने को कहा था लेकिन चूंकि विकेट पर घास थी और स्पिनर कारगर नहीं होता, इरफान ने इस स्पिनर को टीम में नहीं रखा. सिलेक्टर्स इस स्पिनर को इसलिए खिलाना चाहेते थे ताकि वह विफ़ल हो जाए और उसे फिर टीम से निकाल दिया जाए. इरफ़ान अड़ गए, उनका कहना था कि वह किसी के कॅरियर के साथ इस तरह खिलवाड़ नहीं कर सकते.
ज़ाहिर है सिलेक्टर्स को इरफ़ान का ये रवैया पसंद नही आया और जैसे ही उन्हें टीम चुनने का मौका मिला, उन्होंने हुड्डा को कप्तानी सौंपकर यह संदेश देने की कोशिश की कि जो उनकी नहीं सुनेगा, उसका यही अंजाम होगा.
इस फ़ैसले से आहत पठान ने एक ट्वीट में कहा, ‘बॉस को गुड मॉर्निंग न विश करना और यस मैन न होना आपके खिलाफ जा सकता है…लेकिन चिंता मत करो। अपना काम करते रहो, कोशिश करते रहो.’