पूर्व कोच ग्रेग चैपल के कार्यकाल में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था। चैपल की ना टीम के खिलाड़ियों के साथ बनती थी और ना ही उनके फैसलें टीम हित में होते थे। यही कारण है खिलाड़ी आज भी उनकी आलोचना करते हुए दिखाई देते हैं। हाल ही में भारतीय पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और हरभजन सिंह ने ग्रेग चैपल की जमकर आलोचना की थी। चैपल ने अपने कार्यकाल में कई खिलाड़ियों के करियर भी बरबाद किए थे।
इन खिलाड़ियों में से हम एक इरफान पठान को भी मानते हैं। हर किसी को लगता है कि चैपल पठान को एक बेहतरीन गेंदबाज से एक शानदार ऑलराउंडर बनाना चाहते थे, इस वजह से उन्होंने पठान को बल्लेबाजी में भी प्रमोट किया था। लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में पठान ने अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव पर एक बड़ा खुलासा किया है।
इरफान पठान ने बताया कि उनको नंबर तीन पर बल्लेबाजी कराने का फैसला ग्रेग चैपल का नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर का था। जी हां, पठान ने बताया कि सचिन तेंदुलकर ने राहुल द्रविड़ को कहा था कि पठान में छक्के लगाने की काबलियत है, नई गेंद से तेजी से रन बना सकते हैं और तेज गेंदबाजों को भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं, इसलिए उन्हें बल्लेबाजी में ऊपर प्रमोट करना चाहिए।
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पठान ने रौनक कपूर के साथ इंस्टाग्राम पर कहा, “मैंने अपने संन्यास के बाद भी कहा था कि मेरा करियर खत्म होने में ग्रेग चैपल का कोई हाथ नहीं था। जहां तक मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए प्रमोट करने की बात थी तो वह आइडिया चैपल का नहीं सचिन पाजी का था।”
उन्होंने कहा, “सचिन पाजी ने राहुल द्रविड़ को मुझे नंबर तीन पर भेजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह (इरफान) छक्के मारने की ताकत रखते हैं, नई गेंद से तेजी से रन बना सकते हैं और तेज गेंदबाजों को भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं, इसलिए उन्हें बल्लेबाजी में ऊपर प्रमोट करना चाहिए।”
पूर्व आलराउंडर ने कहा, “यह पहली बार तब अमल में लाया गया, जब श्रीलंका के खिलाफ मुरलीधरन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के चरम पर थे और आइडिया उनके खिलाफ आक्रमण करने का था। दिलहारा फर्नांडो ने उस समय स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर गेंद फेंकने की शुरुआत की थी और बल्लेबाजों को वह भी समझ में नहीं आ रहा था।”
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पठान ने कहा, “इसलिए, सोच यह थी कि अगर मैं इससे निपटने में सफल रहा, तो यह टीम के हित में जा सकता है। खासकर यह देखते हुए कि यह सीरीज का पहला मैच था। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर खराब किया। वह चूंकि भारतीय नहीं थे, तो उन्हें टारगेट करना आसान है।”
बता दें, श्रीलंका के खिलाफ 2005 में खेली गई वनडे सीरीज में पठान का बल्लेबाजी क्रम में प्रमोशन हुआ था। पहले ही मैच में पठान ने 70 गेंदों पर 83 रन की शानदार पारी खेली थी। यह पठान के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी। भारत ने यह मैच 152 रनों से जीता था।