नई दिल्ली| टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज इरफ़ान पठान और टीम में आने के भरसक प्रयास में जुटे सुरेश रैना इन दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) से एक मांग की है। जिसमें इनका मानना है कि बीसीसीआई को उन खिलाड़ियों जिनका करार राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं है, उन्हें विदेशी लीगों में खेलने के लिए अनुमति दे देनी चाहिए।
गौरतलब है कि इरफ़ान पठान ने खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है वहीं रैना अभी भी राष्ट्रीय टीम में वापसी की आस लगाए बैठे हैं। उन्होंने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच जुलाई-2018 में खेला था।
इस तरह लॉकडाउन के चलते घर में बैठे सुरेश रैना ने पठान के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, "मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई आईसीसी और फ्रेंचाइजियों के साथ मिलकर इस बात को लेकर रणनीति बनाएगी कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं हैं उन्हें बाहर खेलने की मंजूरी दी जाए। कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति तो मिल ही सकती है। अगर हम विदेशी लीगों में अच्छा कर सके तो यह हमारे लिए अच्छा होगा। काफी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इन लीगों में खेल कर वापसी की है।"
हलांकि इरफ़ान पठान इस सीजन घरेलू क्रिकेट में जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट टीम के कोच थे। उन्होंने कहा कि जब जम्मू एवं कश्मीर का प्रस्ताव आया तो उनके पास तीन लीगों के प्रस्ताव थे।
पठान ने कहा, "जब जम्मू एवं कश्मीर टीम ने मुझसे बात की थी तब मेरे पास तीन लीग के प्रस्ताव थे। मैं पहली टीम का नाम नहीं लूंगा मैंने उन्हें साफ मना कर दिया था। दूसरा प्रस्ताव कैरिबियन प्रीमियर लीग से था। मेरे हाथ में करार था बस मुझे मंजूरी लेनी थी और संन्यास लेना था। तीसरा प्रस्ताव टी-10 लीग से था। मुझे सिर्फ संन्यास की घोषणा करनी थी। मैं उस समय नियमों को समझने के लिए बीसीसीआई के चक्कर लगा रहा था। लेकिन फिर लगा कि जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट की सेवा करने से बेहतर कुछ नहीं है।"
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बता दें कि बीसीसीआई अपने किसी भी खिलाड़ी को तब तक विदेशी लीग का हिस्सा नहीं बनने देती है जब तक कि वो बीसीसीआई के अंतर्गत किसी भी स्तर का घरेलू क्रिकेट खेलता है।
( Input from Ians )