रतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और कपिल देव जैसे खिलाड़ियों से बचपन में ही प्रेरित होकर टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए चल पड़े। इस कड़ी में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाजी ऑल राउंडर इरफ़ान पठान का भी मानना है कि वो जब छोटे थे तो उस समय कपिल देव से बड़ा टीम इंडिया में कोई खिलाड़ी नहीं था।
गौरतलब है की इरफ़ान पठान का जन्म 1984 में हुआ था। जबकि भारत ने अपना पहला विश्वकप साल 1983 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स में कपिल देव की कप्तानी में जीता था। जिस पर इरफ़ान ने इएसपीऍन क्रिकिंफो से कहा, "मैं 1984 में पैदा हुआ था और मुझे अपने छोटेपन की एक फोटो याद है जब कपिल देव लॉर्ड्स की बालकॉनी में खड़े होकर विश्वकप ट्रॉफी उठा रहे थे। वसीम अकरम ने मेरे करियर के दौरान मुझे काफी प्रेरित किया लेकिन मुझे नहीं लगता कि जब मैं बड़ा हो रहा था उस समय कपिल देव से बड़ा कोई खिलाड़ी था।"
इरफ़ान ने आगे कपिल देव की तारीफ में कहा, "वह टीम के कप्तान थे, बल्ले से मैच जिताते थे और गेंद को भी स्विंग कराते थे। अगर भारत में कोई ऑलराउंडर बनना चाहता है तो कपिल से बेहतर प्रेरणास्रोत्र नहीं है। जब हम छोटे थे उस समय लोग हमें बताते थे कि किस तरह उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ हारा हुआ मैच जिताया।"
वहीं इरफान ने अपने आइडियल के बारे में ये भी बताया कि आप चाहते हैं आपका जो भी हीरो है वो विपरीत परिस्थिति में भी हार ना माने और आगे आकर टीम का बोझ अपने कन्धों पर भी उठाकर चल सके। इस तरह इरफ़ान ने अपने जीवन के हीरो रहे कपिल देव के साथ अपनी पहली मुलाकात को भी याद किया।
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जिसके बारे में इरफ़ान ने अंत में कहा, "मेरी कपिल पाजी के साथ पहली याद मैच की नहीं बल्कि एक विज्ञापन से है। मैंने उनके कुछ मुकाबले ही देखे हैं क्योंकि उस दौरान ज्यादा मैच ज्यादातर मैच लाइव नहीं दिखाए जाते थे। अगर दिखाए भी जाते तो हम नहीं देख पाते क्योंकि उस समय हमारे घर टीवी नहीं था और हमें अपने पड़ोसी के घर जाना पड़ता था।"