भारतीय क्रिकेट टीम में स्विंग करती गेंदबाजी से अपनी पहचान बनाने वाले इरफान पठान के करियर अंत जिस तरह से हुआ उन्होंने उसकी कभी कल्पना नहीं की थी। पठान आखिरी बार भारतीय टीम के लिए साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मैदान पर नजर आए थे। इस मैच में पठान ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था और उन्हें मैन ऑफ मैच चुना गया था। पठान ने श्रीलंका के खिलाफ इस मुकाबले में पहले टीम के लिए 28 गेंद में 29 रन बनाए थे और फिर गेंदबाजी में उन्होंने कमाल दिखाते हुए 10 ओवर में 61 रन खर्च 5 विकेट लिए थे।
हालांकि इसके बावजूद भारतीय टीम मैनेजमेंट में उनकी अनदेखी की गई और उन्हें फिर कभी नेशनल टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। इस दौरान उन्होंने टीम में वापसी के लिए लगातार घरेलू क्रिकेट में खेलते रहे और यहां उन्होंने अपनी छाप भी छोड़ी बावजूद उन्हें मौका नहीं मिला।
भारतीय टीम में हुई इस अनदेखी पर पठान एक युट्ब्यू चैनल से बात करते हुए जमकर अपने दिल का गुबार निकाला और उस दौर के टीम मैनेजमेंट, कप्तान और कोच पर निशाना साधा।
यह भी पढ़ें- इरफ़ान पठान ने माना, इस साल कोरोना के चलते मुश्किल है आईसीसी टी20 विश्वकप होना
आपको बता दें जिस दौर में यह सब कुछ पठान के साथ हुआ उस दौरान टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। पठान ने इस बातचीत में बताया कि उन्हें टीम में नियमित रूप से मौका नहीं दिया गया। इसके अलावा मेरे लिए एक हवा बनाई गई कि मेरी गेंदबाजी में स्विंग और तेजी खत्म हो गई है। यही कारण है कि मुझे टीम मौका नहीं मिला।
इस बातचीत में पठान ने कहा, ''जब मैं भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला तो उसमें मुझे मैन ऑफ द मैच चुना गया। इसके बाद लगातार मेरी अनदेखी की गई। इस बारे में मैंने कोच गैरी किर्स्टन से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ चीजें कोच के हाथ में नहीं होती हैं।''
उन्होंने कहा, ''हालांकि मैं यहीं नहीं रुका और उस समय टीम के कप्तान धोनी से भी मैंने पूछा कि मुझे टीम के प्लेइंग इलेवन में मौक क्यों नहीं मिल रहा है। मुझे अपनी गेंदबाजी में और क्या सुधार करना चाहिए। इस पर धोनी ने भी उन्हें कोई सटीक जवाब नहीं दिया। इसके बाद से चयनकर्ताओं ने मुझे चुना ही नहीं।''
वहीं अपने गुबार को निकालते हुए पठान ने कहा कि मैंने पूरी कोशिश की जानने की मैं कहां गलत कर रहा हूं मुझे टीम मैनेजमेंट बताएं। मैं उसमें सुधार करुंगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
यह भी पढ़ें- जसप्रीत बुमराह ने खोला अपनी रहस्यमयी गेंदबाजी का राज
उन्होंने कहा, ''मैं बार-बार उनसे एक चीज नहीं पूछ सकता था। इससे आपकी इज्जत कम हो जाती है। मैं उन खिलाड़ियों में से नहीं था कि मैं रूम में किसी की खातिरदारी के लिए हुक्का सेट करूं या कुछ और। ऐसे में मैंने कुछ कहना ही छोड़ दिया और नतीजा ये हुआ कि मुझे टीम में फिर कभी मौका नहीं मिला।''
इस बातचीत में इरफान पठान ने बताया कि भारतीय टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने साल 2016 में घरेलू सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और तीसरे या चौथे नंबर का रन स्कोरर भी थे, लेकिन उसके बावजूद सेलेक्टरों ने कहा कि मजा नहीं आ रहा।
वहीं पठान ने इस दौरान पूर्व ओपनर और सेलेक्टर रहे श्रीकांत पर भी उनके बयान के लिए निशाना साधा।