अपनी धीमी गति की गेंदों के लिए मशहूर भारत के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट पर आईपीएल नीलामी में पैसों की बरसात हो गई। नीलामी के लिए जब उनादकट का नाम आया तो फ्रेंचाइजियों में उन्हें खरीदने के लिए होड़ लग गई। उनादकट को खरीदने के लिए सबसे पहले चेन्नई ने 1.5 करोड़ की बोली लगाई। नीलामी में पंजाब की टीम भी 4 करोड़ की बोली के साथ कूद पड़ी।
पंजाब ने उनादकट के लिए 6 करोड़ की बोली लगा दी। उनादकट को अपने साथ जोड़ने के लिए हर टीम मोटी रकम खर्च करने को तैयार थी। प्रीति जिंटा के चेहरे के हाव-भाव से साफ जाहिर हो रहा था कि वो उनादकट को हाथ से निकलने नहीं देना चाह रही थीं। पंजाब ने उनादकट के लिए 8, 9 और फिर 10 करोड़ रुपये तक की बोली लगा दी। अब लगने लगा था कि प्रीति जिंटा की पंजाब उनादकट को अपना बना ली लेगी।
लेकिन हिंदी फिल्मों की तरह उनादकट की नीलामी में ट्विस्ट अभी बाकी था। चेन्नई की टीम ने फिर से उनादकट के लिए 11 करोड़ की बोली लगा दी। हर कोई मानने लगा था कि अब उनादकट चेन्नई के हो जाएंगे। लेकिन इस नीलामी में आखिरी में राजस्थान की टीम ने 11.5 करोड़ा का दाव खेल दिया और उनकी इस बोली के सामने हर फ्रेंचाइजी ने सरेंडर कर दिया। इसके साथ ही उनादकट आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे गेंदबाज बन गए।
क्यों लगी इतनी महंगी बोली: अब जरा उनादकट की इतनी महंगी बोली की पीछे की वजह जान लीजिए। दरअसल, उनादकट ने पिछले आईपीएल में 24 विकेट हासिल किए थे। जो कि दूसरे सबसे ज्यादा थे। इसके अलावा वो पिछले सीजन में उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल रहे जिन्होंने मैच में 5 विकेट भी हासिल किए।