आईपीएल की गत चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स एक बार फिर ख़िताब पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखने के लिए सीजन 12 के क्वालीफायर में मुंबई इंडियंस का सामना करेगी। ये मैच चेन्नई के घरेलू चेपॉक स्टेडियम में खेला जायेगा। जिसमें चेन्नई का हमेशा से जीत का दबदबा रहा है। लेकिन मुकाबला जब मुंबई से इस मैदान में होता है तो चेन्नई की टीम कमजोर नजर आती है। यही कारण है की साल 2010 के बाद से चेन्नई इस मैदान में मुंबई इंडियंस से जीत हासिल नहीं कर पाई है। इस सीजन 2019 की बात करें तो चेन्नई को मुंबई के खिलाफ दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा। आकड़ें तो मुंबई की तरफ है लेकिन थाला कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई कभी भी पासा पलट सकती है।
ऐसे में आज हम आपको बताएगे चेन्नई सुपर किंग्स की तीन कमजोरियों के बारें में जिसका फायदा उठाकर मुंबई इंडियंस एक बार फिर चेन्नई को उसके घर में हराना चाहेगी।
1. ओपनिंग की समस्या: चेन्नई के लिए सलामी बल्लेबाजी शुरू से समस्या बनी हुई है। टूर्नामेंट की शुरुआत में अम्बाती रायुडू और शेन वॉटसन को मौका मिला लेकिन नाकमयाब होने के बाद फाफ डू प्लेसिस को टीम में लाया गया। ऐसे में फाफ तो अपना काम बखूबी निभा रहे हैं लेकिन वॉटसन अभी संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। इस तरह मुंबई के खतरनाक गेंदबाज लसिथ मलिंगा और जसप्रीत बुमराह शुरू में विकेट हासिल कर चेन्नई की बल्लेबाजी पर प्रहार करना चाहेंगे।
2. कमजोर मध्य क्रम : चेन्नई के मध्य क्रम में भी कमजोरी साफ नजर आती है। अंबाती रायुडू का बल्ला शांत है, तो वहीं केदार जाधव के चोटिल होने के बाद चेन्नई की मुश्किल बढ़ सकती हैं। चेन्नई के पास मध्य क्रम में इस समय कोई भी मजबूत खिलाड़ी धोनी के अलावा मौजूद नहीं है जो टीम को बड़े लक्ष्य तक ले जा सकें। ऐसे में ओपनिंग के बाद मुंबई इंडियंस की टीम चेन्नई के कमज़ोर मध्यक्रम का भी फायदा उठाना चाहेगी।
3. सिर्फ धोनी : मध्य क्रम के बल्लेबाजों के असफल रहने के बाद पूरा दबाव कप्तान धोनी पर आ जाता है। ऐसे में अगर चेन्नई की धोनी नामक मिसाइल फेल हो जाती है तो चेन्नई का बड़े स्कोर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का चेन्नई को समाधान निकालना होगा क्योंकि अगर मुंबई के खिलाफ मैच जीतना है तो आपकी बल्लेबाजी में गहराई के साथ-साथ ताकत भी होनी चाहिए जो अंतिम ओवेरों में अधिक से अधिक रन बनाकर टीम को एक बड़ें स्कोर तक ले जा सके।