नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले सीजन में 18 विकेट लेने वाले दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट को अंतिम-11 में स्थान पाने के लिए कागिसो रबादा के बाहर जाने का इंतजार करना पड़ा। लेकिन, तेज गेंदबाज को कोई शिकायत नहीं है और उनका पूरा ध्यान सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ होने वाले मैच पर है।
बोल्ट ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बेंच पर बैठे हुए वह धैर्य के साथ अपने मौके का इंतजार कर रहे थे। रबादा को एम.ए. चिदम्बरम स्टेडियम में लगी चोट के कारण स्वदेश लौटना पड़ा और इसी वजह से बोल्ट को मौका मिला। बोल्ट ने कहा,"मेरी कोशिश थी कि मुझे जब मौका मिले तो मैं पूरी तरह से फिट रहूं और मानसिक तौर पर तैयार रहूं। मैं इस दौरान जिम में काम कर रहा था और ट्रेंनिग में अपने उद्देश्य पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था।"
उन्होंने कहा,"स्थितियां मुश्किल थीं और मैं अपने मौके का इंतजार कर रहा था। हमारी टीम ऐसी है जिसमें संतुलन की जरूरत है। हम लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। ज्यादा मैच न खेलने से बेशक निराश था लेकिन टीम ने अच्छा किया तो खुश हुआ।"
उनसे जब पूछा गया कि दिल्ली की टीम पहले विदेशी गेंदबाज के रूप में उन्हें प्राथमिकता नहीं मिलने पर उन्हें कैसा लगा तो उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि यह अलग तरह का टूर्नामेंट है। हम यहां आते हैं और दोस्ती करते हैं और एक दूसरे से काफी कुछ सीखते हैं। साथ ही, मैं अभी भी काफी कुछ सीख रहा हूं, जैसे कि जिस परिस्थिति और जगह में मैं आम तौर से नहीं खेलता, उसमें कैसे गेंदबाजी करनी हैं। इसमें मजा आ रहा है।"
बाकी खिलाड़ियों की तरह बोल्ट को भी लगता है कि कोच रिकी पोंटिग और सलाहकार सौरव गांगुली की जोड़ी का दिल्ली के खेल में सुधार करने और उसे यहां तक पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है।
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने कहा,"आप इन दोनों खिलाड़ियों का जुनून देख सकते हैं। वह बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं और इससे खिलाड़ियों को फायदा हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "यह एक माहौल तैयार करने की बात है कि खिलाड़ी आएं और अपने आप को स्वतंत्र महसूस करें। रिकी और गांगुली ने काफी अच्छा काम किया है।"