वेन्यूः फिरोजशाह कोटला मैदान
देशः भारत
शहरः दिल्ली
स्थापितः 1883
क्षमताः 48000
आज दिल्ली कैपिलटल्स की टीम अपने दूसरे मुकाबले में अपने होमग्राउंड फिरोजशाह कोटला मैदान में चेन्नई सुपरकिंग्स से भिड़ेगी। नए नाम के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के अपने पहले ही मैच में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली दिल्ली कैपिटल्स, लीग के अपने दूसरे मुकाबले में मंगलवार को यहां घरेलू फिरोजशाह कोटला मैदान पर मौजूदा चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स को कड़ी चुनौती देने के लिए उतरेगी। दिल्ली की टीम का ये घरेलू मैदान काफी पुराना है।
वैसे तो सभी 8 टीमों के अपने-अपने होमग्राउंड हैं लेकिन दिल्ली का ये मैदान खासा चर्चित और सबसे पुराने स्टेडियम्स में से एक है। नई दिल्ली का फिरोज शाह कोटला मैदान कोलकाता के ईडन गार्डन्स के बाद भारत का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है जहां आज भी मैच खेले जाते हैं। इसका प्रबंधन और नियंत्रण दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) द्वारा किया जाता है। इस मैदान पर 1948 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था। तब से यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए एक मजबूत वेन्यू रहा है और इसकी पिच पर कई बड़े रिकॉर्ड बने हैं। यह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स और रणजी टीम भी दिल्ली का घरेलू मैदान रहता है।
फिरोज शाह कोटला में बनाए गए कुछ बड़े रिकॉर्ड्स में 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ अनिल कुंबले द्वारा एक ही टेस्ट पारी में लिए गए 10 विकेट भी शामिल है। इस मैदान ने 1983 में सुनील गावस्कर द्वारा डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों की बराबरी करते हुए भी देखा है। इसी मैदान ने सचिन द्वारा सुनील गावस्कर के 34 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को भी टूटते हुए देखा है। तब सचिन ने 2005 में श्रीलंका के इसी मैदान पर अपना 35वां टेस्ट शतक लगाकर कीर्तिमान रचा था।
हालांकि 2009 में कोटला का मैदान आलोचनाओं से घिरा रहा, जब भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मैच को इसकी पिच खराब होने के कारण रद्द करना पड़ा। इसके बाद, रेफरी की आईसीसी को दी गई पिच रिपोर्ट के बाद इसे 12 महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि कोटला का मैदान 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटा। तब इस पर 50 ओवर के विश्व कप के मैचों की मेजबानी हुई। अब तक, यह टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सबसे सफल मैदानों में से एक बना हुआ है। यहां भारतीय टीम 31 से अधिक वर्षों से टेस्ट मैच नहीं हारी हैं।