11 जनवरी, 1973 ये वो तारीख है जो हिदुस्तानी क्रिकेट फैन शायद ही भुला सकें। इस दिन भारत के सबसे शानदार क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का जन्म हुआ था। द्रविड़ भारतीय इतिहास के सबसे शानदार और महान क्रिकेटरों में से एक रहे हैं। द्रविड़ भारत की तरफ से सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने के मामले में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे नंबर पर हैं। आइए आपको द्रविड़ के जन्मदिन के मौके पर उनकी जिंदगी से जुड़ी अनसुनी बातें बताते हैं।
डेब्यू मैच में ही लिया संन्यास: द्रविड़ क्रिकेट जगत के पहले खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही संन्यास ले लिया था। द्रविड़ ने 31 अगस्त, 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू टी20 मैच खेला था और इसके बाद उन्होंने खेल के इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। द्रविड़ ने उस मैच में 21 गेंदों में 31 रन ठोके थे।
'जैमी' निकनेम के पीछे की कहानी: राहुल द्रविड़ के कई सारे निकनेम थे। उन्हीं निकनेम में से एक था 'जैमी'। टीम इंडिया के खिलाड़ी राहुल को इसी नाम से पुकारा करते थे। राहुल के इस निकनेम के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, राहुल के पिता जैम बनाने वाली कंपनी में काम करते थे और इसी कराण राहुल का निकनेम भी जैमी पड़ा।
आउट होने के बाद रो पड़े थे द्रविड़: द्रविड़ को हर बल्लेबाज की तरह अपना विकेट खासा पसंद था। वो ज्यादा से ज्यादा समय तक क्रीज पर टिककर खेलना चाहते थे। द्रविड़ के साथ ऐसा बचपन से ही था। जब वो महज 13 साल के थे तो एक मैच में जब वो आउट हुए तो वो रोते हुए पवेलियन लौटे थे।
क्रिकेट से पहले हॉकी प्लेयर थे द्रविड़: राहुल द्रविड़ ने जब अपना क्रिकेट करियर शुरू नहीं किया था तो उससे पहले वो हॉकी प्लेयर थे। द्रविड़ स्कूल के दिनों जूनियर स्टेट हॉकी टीम के खिलाड़ी थे।
घरेलू मैदान पर नहीं लगा सके शतक: द्रविड़ ने दुनिया के लगभग हर मैदान पर शतक ठोका है। लेकिन द्रविड़ कभी भी अपने घरेलू मैदान पर शतक नहीं लगा सके। द्रविड़ ने चिन्नास्वामी में कुल 8 टेस्ट खेले और उनका बेस्ट स्कोर 60 रन रहा।
द्रविड़ ने अपने करियर में कुल 164 टेस्ट मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 52.31 के औसत से 13,288 रन बनाए। द्रविड़ के बल्ले से 36 शतक और 63 अर्धशतक भी निकले। वहीं द्रविड़ को पहले वनडे क्रिकेटर नहीं माना जाता था लेकिन उन्होंने हर किसी को गलत ठहराते हुए 344 वनडे मैचों में 39.16 के औसत से 10,889 रन बनाए। वनडे में द्रविड़ ने 12 शतक, 83 अर्धशतक लगाए।