देश भर में फैली कोरोनावायरस महामारी की वजह से भारतीय क्रिकेटर घर पर रहने पर मजबूर है। मार्च से भारत ने कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। ऐसे में खिलाड़ियों की फिटनेस पर काफी असर पड़ रहा है। कुछ खिलाड़ी घर पर फिट रहने के लिए वर्कआउट तो कर रहे हैं, लेकिन एक क्रिकेटर को जिस तरह के वर्कआउट की जरूरत होती है वो उन्हें पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में जब खिलाड़ी मैदान पर वापस लौटेंगे तो उन्हें लय में आने में दिक्कत होगा।
टीम इंडिया के बॉलिंग कोच भरत अरुण का भी यही मानना है। उनका कहना है भारतीय खिलाड़ियों को फिटनेस के उस शिखर पर पहुंचने में 6-8 हफ्ते का समय लगेगा जहां वह पहले हुआ करते थे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को लय हासिल करने के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेलना पड़ सकता है।
भरत अरुण ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा "खिलाड़ी घर पर रहकर अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं, लेकिन वह अपनी स्किल्स पर काम नहीं कर पा रहे हैं। लॉकडाउन में ढ़ील मिलने के बाद खिलाड़ी जब अपने-अपने शहरों में प्रैक्टिस करना शुरू करेंगे तब ही वह अपनी स्किल्स पर काम कर पाएंगे। हमें फिटनेस के शिखर पर वापस पहुंचने के लिए कम से कम 6-8 हफ्ते का समय चाहिए होगा। इस दौरान मैच भी खेलना जरूरी है। हो सकता है खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेलें।"
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इसी के साथ जब भरन अरुण से पूछा गया कि फिटनेस में बल्लेबाजों के मुकाबले गेंदबाजों के लिए यह कितना अलग है तो उन्होंने कहा कि दोनों को समान फिटनेस की जरूरत होती है।
अरुण ने कहा "बैटिंग और बॉलिंग के लिए फिटनेस समान है। बल्लेबाजों को विकेट की बीच दौड़ते हुए लंबी पारी खेलनी होती है। कैच पकड़ना और मैदान पर कूद लगाना भी इसमें आता है इस वजह से उन्हें भी फिटनेस की जरूरत है। लेकिन तेज गेंदबाजों को बाकी टीम से ज्यादा फिट रहना होता है क्योंकि इससे आपको लंबे समय तक तेज गेंदबाजी करने में मदद मिलती है। इसी के साथ अगर आपकी फिटनेस अच्छी है तो आपके चोटिल होने की संभावनाएं भी कम होगी।"
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इसी के साथ उन्होंने बताया कि सपोर्ट स्टाफ को उनके रोल समझा दिए गए हैं और वह टीम के साभी खिलाड़ियों के संपर्क में हैं। अरुण ने कहा "हम खिलाड़ियों के संपर्क में हैं। हर किसी को अपने-अपने रोल दे दिए गए हैं। मैं गेंदबाजों के साथ अधिक काम करता हूं, बस उन्हें याद दिलाने के लिए कि यह भेस में आशीर्वाद हो सकता है - यही मौका है अपनी फिटनेस पर काम करने का। जितन आप फिट रहेंगे उतना ही आपके कौशल को मजबूती मिलेगी।"