भारतीय टीम ने हाल ही में ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीतकर देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया। खिलाड़ियों ने दुनियाभर में देश का नाम रौशन किया और पाकिस्तान को हराकर लगातार दूसरी बार ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीता। लेकिन देश का परचम लहराने वाले सितारे दाने-दाने को मोहताज हैं। खबरों के मुताबिक ब्लाइंड वर्ल्ड कप के सितारे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कुछ खिलाड़ी खेती करने पर मजबूर हैं, तो वहीं कुछ खिलाड़ी दूध बेचकर गुजारा कर रहे हैं।
टीम इंडिया को सेमीफाइनल में जिताने वाले गणेश मूंडकर के माता-पिता खेत में मजदूरी करते हैं, वहीं गणेश खुद किराना स्टोर चलाते हैं। यही नहीं, गणेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि उनके छोटे भाई की पढ़ाई भी रुकी हुई है। आर्थिक स्थिति खराब होने पर गणेश ने कहा कि घरवाले क्रिकेट छोड़ने के लिए कहते हैं लेकिन खेल मेरा जुनून है। गजरात सरकार ने विश्व कप जीतने के बाद नौकरी देने का वादा किया था लेकिन मुझे अब तक नौकरी का इंतजार है।
टीम के एक और खिलाड़ी अनिल आर्या दूध बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। वहीं, ब्लाइंड टीम में विराट कोहली के नाम से पहचाने जाने वाले वेंकटेश्वर राव फिजिकल ट्रेनर का काम करते हैं। ब्लाइंड टीम के कप्तान अजय रेड्डी ने कहा कि हमारे देश में क्रिकेटरों को भगवान की तरह पूजा जाता है लेकिन हमारी टीम के खिलाड़ी नौकरी और सम्मान को तरस रहे हैं। रेड्डी का ये भी कहना है कि बीसीसीआई या फिर खेल मंत्रालय से मान्यता मिलने के बाद उनकी हालत में सुधार आ सकता है।