वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में जीत हासिल करने के बाद टीम इंडिया को चेन्नई में खेले गए पहले वनडे मैच में हार झेलनी पड़ी। ऐसे में भारत के लिए सकरात्मक चीज ये रही कि उसके विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ना सिर्फ इस मैच में अपनी फॉर्म में दिखे बल्कि जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करते हए टीम को संकट से निकाला भी। हालांकि इसके बावजूद तीन ऐसे बड़े कारण निकलकर सामने आए जिसके चलते टीम इंडिया को मैच में 8 विकेट से बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
चलिए डालते हैं इन कारणों पर एक नजर:-
टॉप आर्डर का फेल होना
वेस्टइंडीज के खिलाफ टॉस हारने के बाद कप्तान विराट कोहली काफी खुश नजर आ रहे थे क्योंकि कैरिबियाई कप्तान कीरोन पोलार्ड ने पहले गेंदबाजी चुनी थी और धीमी विकेट पर कोहली पहले बल्लेबाजी ही करना चाहते थे। टॉस हारने के बाद कोहली ने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं हम पहले बल्लेबाजी ही करना चाहते थे। हालांकि कोहली कि ये ख़ुशी ज्यादा देर तक ना टिक सकी और टीम इंडिया के टॉप आर्डर के तीन प्रमुख बल्लेबाज के. एल. राहुल (6), रोहित शर्मा (36) और कप्तान कोहली (4) रन बनाकर चलते बने। इस तरह 80 रन पर तीन विकेट गिरने के कारण भारत 287 रन बना पाया और बड़ा स्कोर खड़ा करने ने नाकाम रहा जिसके चलते उसे हार का मूहं देखना पड़ा।
गेंदबाजी में बीच के ओवर में विकेट ना हासिल करना
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम इंडिया की 'कुलचा' स्पिन जोड़ी यानी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को तोड़कर बीच में रविंद्र जडेजा को मौका दिया। जिसके चलते विकेट टेकिंग गेंदबाज चहल को बाहर बैठना पड़ा। ऐसे में शुरुआत में दीपक चाहर के सफलता दिलाने के बाद बाकी गेंदबाज फायदा नहीं उठा पाए और मध्य के ओवरों में भी टीम इंडिया के गेंदबाजों को सफलता नहीं मिली। जिसके चलते शिमरोन हेटमायर और शाई होप दोनों ने शतकीय पारी खेलकर टीम को आसानी से जीत दिलाई। इतना ही नहीं सभी स्पिन गेंदबाजों ने मिलकर मैच में अभी तक भारतीय सरजमीं पर सबसे ज्यादा 198 गेंदे डाली मगर एक भी सफलता हाथ ना लगी। जो कि भारतीय सरजमीं पर टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाजों का सबसे शर्मनाक प्रदर्शन रहा।
अनुभव की कमी
टीम इंडिया का टॉप आर्डर नाकाम होने के बाद युवा बल्लेबाजों ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ने शानदार फिफ्टी तो मारी लेकिन दोनों में से कोई भी एक बल्लेबाज अंत तक खेलने में नाकाम रहा। पंत और अय्यर के बीच 114 रनों की शानदार साझेदारी हुई मगर जब मैच में रनों की गति को बढ़ाने का मौका आया तो दोनों बल्लेबाज आउट होकर चलते बने। जिसके चलते मैच में एक बार फिर वेस्टइंडीज ने शानदार वापसी की और पकड मजबूत बनाई। इस तरह अनुभव की कमी इन दोनों बल्लेबाजों मने जरूर दिखाई दी अगर इनमे से कोई एक बल्लेबाज अंत तक खेलता तो स्कोर 300 के पार भी जा सकता था। इस तरह टीम इंडिया को इन गलतियों से जल्द सीखकर दूसरे मैच में वापसी करनी होगी।