जमैका के सबीना पार्क में खेले जा रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के मध्यक्रम बल्लेबाज हनुमा विहारी ने करियर का पहला शतक मारा। ऐसे में खेल के बाद हुई प्रेसवार्ता में शतकवीर हनुमा थोड़ा भावुक नजर आए और उन्होंने इसे अपने पिता को समर्पित किया।
दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन की पहली गेंद पर युवा विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत 27 रन बनाकर कप्तान जेसन होल्डर की गेंद पर बोल्ड हो गए। जबकि हनुमा ने पहले दिन के स्कोर 42 रन से आगे खेलना शुरू किया। उन्होंने पहले जडेजा तथा बाद में इशांत शर्मा के साथ 8वें विकेट के लिए 112 रनों की साझेदारी निभाई। जिससे टीम इंडिया 416 रन के विशाल स्कोर तक पहुँच सकी।
ऐसे में अपनी और इशांत शर्मा की शतकीय साझेदारी के बारें में हनुमा ने प्रेसवार्ता में कहा, "मैं पिछले दिन 42 रन पर नाबाद था। पूरी रात अच्छे से सो नहीं सक और ये सोचता रहा कैसे इस शुरुआत को बड़ें स्कोर में बदला जाए। मुझे झुशी है कि अंत में इशांत का साथ मिला और वो एक बल्लेबाज के रूप में शायद मुझसे ज्यादा अच्छा खेल रहे थे। हम आपसे में बातचीत कर रहे थे और बतौर गेंदबाज इशांत के अनुभव का भी फायदा मिला।"
हनुमा ने विदेशी सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट का अपना पहला शतक मारा। जिस पर इस बल्लेबाज ने कहा, "मुझे बहुत हशी है की मैंने शतक मारा। लंच के समय 84 पर था। वो काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। मुझे ख़ुशी है की मैंने कठिन परिस्थितियों को पार किया।"
इसके आगे अपने पहले शतक को पिता को समर्पित करते हुए हनुमा ने कहा, "जब मैं 12 साल का था तब मेरे पिता नहीं रहे थे। इसलिए मैंने निश्चय किया था कि जब मैं पहला अंतराष्ट्रीय शतक मारूंगा तो उन्हें समर्पित करूंगा। इस लिहाज से मेरे लिए यह भावनात्मक पल है और मुझे उम्मीद है कि उन्हें आज मेरे उपर गर्व होगा।"
बता दें कि हनुमा ने अभी तक करियर के सभी 6 टेस्ट मैच विदेशी सरजमीं पर खेलें हैं। जिसमें 40 की औसत से उनके नाम 403 रन दर्ज हैं। वहीं मैच की बात करें तो हनुमा के शतक और इशांत के अर्धशतक के बाद बुमराह ने अपने 9.1 ओवर के घातक स्पेल में शानदार हैट्रिक समेत 6 विकेट लेते हुए कैरिबियाई टीम की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। जिससे दूसरे दिन के अंत तक सिर्फ 87 रन पर वेस्टइंडीज के 7 बल्लेबाज पवेलियन जा चुके हैं। ऐसे में अब वेस्टइंडीज के लिए वापसी मुश्किल।