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2020 T20 वर्ल्ड कप जीतने के लिए विराट को धोनी की इस गलती से लेना होगा बड़ा सबक

सबसे बड़ा चैलेन्ज कोहली के सापने स्पिन गेंदबाजी को लेकर है। पिछले एक साल से टीम मैनेजमेंट ने 7 स्पिन गेंदबाज को टी20 मैदान में ट्राई किया है।

Written by: Shubham Pandey @21shubhamPandey
Updated on: December 09, 2019 11:54 IST
Virat Kohli and Ravindra Jadeja- India TV Hindi
Image Source : AP Virat Kohli and Ravindra Jadeja

तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड स्टेडियम में तीन मैचों की खेली जा रही टी20 सीरीज के दुसरे मैच में चार साल पहले टी20 विश्वकप 2016 के फ़ाइनल की याद आ गई। जब वेस्टइंडीज ने चेस करते ही टीम इंडिया के विश्वकप के सपने को चकनाचूर कर दिया था। कुछ उसी तरह से जब टीम इंडिया के पास अगले साल खेले जाने वाले टी20 विश्वकप से पहले सिर्फ 9 टी20 मैच बाकी है तो एक बार फिर वेस्टइंडीज की टीम राह में ना सिर्फ रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है बल्कि टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया की कलई भी खोल दी है। 

विश्वकप 2016 में धोनी के पास भी सिर्फ 5 गेंदबाज थे जिसके चलते जब आखिरी ओवर में वेस्टइंडीज को 7 रन चाहिए थे तब उन्होंने विराट कोहली को छठे गेंदबाज ( पार्ट टाइम ) के तौर पर इस्तेमाल किया था। ऐसे में छठे गेंदबाज की कमी के चलते टीम इंडिया को हार नसीब हुई थी और उसे विश्वकप से बाहर होना पड़ा था। इसका अफ़सोस महेंद्र सिंह धोनी को भी हुआ था। जिसके बाद विराट कोहली ने भी इस बात को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से पहले स्वीकार किया था। उनका मानना है कि वो 2016 में हुए गलती को ना दोहराते हुए छठे पार्ट टाइम नहीं बल्कि ठीक-ठाक गेंदबाज के विकल्प के रूप को विश्वकप में लेकर जाना चाहते हैं। 

कोहली ने सीरीज से पहले कहा था कि आपके पास T20 क्रिकेट में छह गेंदबाजी विकल्प होने चाहिए, यही मूल नियम है। आप चार अच्छे ओवर फेंकने के लिए पाँचों गेंदबाज से उम्मीद नहीं कर सकते। एक समय के बाद टीम के रूप में यह बहुत मुश्किल हो जाता है। मुझे लगता है कि इस बैलेंस को बनाने की हमें सख्त जरूरत है।

Virat Kohli

Image Source : PTI
Virat Kohli

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में भी गेंदबाजों ने 200 से अधिक रन लुटाए थे जिसके बाद दूसरे टी20 में भी उन्हें लगभग इसी औसत से मार झेलनी पड़ी थी। ऐसे में कप्तान विराट कोहली यही सोच रहे होंगे की जल्द से जल्द उनके प्रमुख गेंदबाजों की टीम में वापसी हो। हालांकि मोहम्मद शमी टीम से जुड़ चुके हैं जिनका अंतिम व तीसरे टी20 मैच में खेलना तय माना जा रहा है जबकि जसप्रीत बुमराह शायद अगली सीरीज से टीम में वापसी करें। जिसके चलते भुवनेश्वर कुमार, शमी और बुमराह के होते हुए तेज गेंदबाजी में कोहली का सरदर्द हल्का हो जायेगा। 

ऐसे में सबसे बड़ा चैलेन्ज कोहली के सापने स्पिन गेंदबाजी को लेकर है। पिछले एक साल से टीम मैनेजमेंट ने 7 स्पिन गेंदबाज को टी20 मैदान में ट्राई किया है। कुलदीप यादव् और युजवेंद्र चहल की 'कुलचा' जोड़ी टूटने के बाद रविंद्र जडेजा, वाशिंग्टन सुन्दर, क्रुणाल पांड्या, राहुल चाहर और एक मैच के लिए मयंक मार्कंडे को भी मौका मिला था। जिसमे सबसे ज्यादा 12 मैच लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज क्रुणाल पांड्या ने खेले। मगर वो वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में टीम का हिस्सा नहीं और उनकी जगह कुलदीप यादव की टीम में वापसी हुई है। 

Yuzvendra Chahal and Rohit Sharma

Image Source : BCCI
Yuzvendra Chahal and Rohit Sharma

इस तरह इन गेंदबाजों में अगर आकड़ों के अनुसार देखा जाए तो चहल और कुलदीप की 'कुलचा' जोड़ी ने कमाल दिखाया है। दोनों गेंदबाजों ने 8-8 विकेट निकाले हैं। जबकि सबसे बेहतरीन 5.76 का इकॉनमी रविंद जडेजा का रहा। इतना ही नहीं जडेजा की बल्लेबाजी में काफी शानदार बदलाव आया है और वो एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ फील्डर भी है। जिसके चलते उनका प्लेइंग 11 या टीम से बाहर जाना काफी मुश्किल है। 

वहीं पहले टी20 मैच में पॉवर प्ले के अंदर स्पेशलिस्ट गेंदबाज माने जाने वाले वाशिंग्टन सुन्दर ने काफी निराश किया। उनके 3 ओवर में वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने 34 रन मारे जबकि एक विकेट उनके नाम रहा। हालांकि दूसरे टी20 में उनके 4 ओवर से 26 रन आए जबकि इसमें भी एक विकेट उनके हाथ लगा। ऐसे में कप्तान विराट कोहली बचे हुए 9 मैचों में कुलचा के अन्य सदस्य कुलदीप यादव को भी आजमाना चाहेंगे। क्योंकि चहल ने भी पहले टी20 में 4 ओवर में 36 रन देकर 2 विकेट जबकि दूसरे टी20 मैच में उन्हें 3 ओवर में 36 रन पड़े और एक भी विकेट हाथ नहीं लगा। 

Virat Kohli

Image Source : AP
Virat Kohli

ऐसे में स्पिन गेंदबाजों के चक्रव्यूह में फंसे कोहली ने सीरीज से पहले कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में आप दो कलाई के स्पिन गेंदबाजों के साथ खेल सकते हैं। लेकिन भारतीय कंडीशन में आप वैरियेशन के चलते एक कलाई के स्पिनर और फिर वैराईटी के लिए सुंदर या जडेजा के साथ उतर सकते हैं।

इस तरह तेज गेंदबाजो के निर्धारित पूल के बाद कप्तान कोहली के पास अगले साल विश्वकप से पहले सिर्फ 9 मैच बचे हैं। जिसमें उन्हें अपनी 6 गेंदबाजों वाली रणनीति का जल्द ही हल निकालना होगा और स्पिन गेंदबाजों के भी एक मजबूत पूल को जल्द से जल्द तैयार करना होगा। जिससे आगामी टी20 विश्वकप में टीम इंडिया मजबूत तेज गेंदबाजी के साथ-साथ विश्वास से भरी स्पिन गेंदबाजी के साथ मैदान में उतर सके।

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