भारत और विंडीज के बीच तीन वनडे मैच की सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज के पहले मैच में विंडीज की टीम ने मेजबानों को 8 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। इस सीरीज का दूसरा मैच विशाखापट्नम में खेला जाना है और मैच से पहले टीम इंडिया के तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने कहा है कि टीम को अपनी बॉलिंग और फील्डिंग में सुधार करने की जरूरत है।
मैच से पहले प्रेसकॉन्फ्रेस में दीपक चाहर ने कहा 'सच कहूं तो हमने पहले वनडे में अच्छी गेंदबाजी नहीं की। उम्मीद करता हूं अगर हमें दूसरे वनडे में ऐसी ही परिस्थिति मिली तो हम अच्छी गेंदबाजी करेंगे। फील्डिंग हमारी पिछले 4 मैचों से खराब रही है। हमने काफी कैच छोड़ी है, अगर इन बड़े शॉट्स खेलने वाले बल्लेबाजों की हम ऐसे ही कैच छोड़ते रहे तो हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। हमें अपनी फील्डिंग और बॉलिंग में सुधार करने की जरूरत है।'
दीपक चाहर टी20 में काफी अच्छी गेंदबाजी करते हैं, लेकिन वनडे में दो मैच खेलने वाले इस गेंदबाज ने 6.07 की औसत से रन लुटाते हुए मात्र दो ही विकेट लिए है। चाहर ने वनडे को टी20 और टेस्ट से मुश्किल फॉर्मेट बताया है।
चाहर ने इस बारे में बात करते हुए कहा 'मुझे लगता है की वनडे सबसे मुश्किल फॉर्मेट है। टी20 में आपको पता होता है कि आपको क्या करना है। अगर आप मैच में 24 रन भी देते हो और कोई विकेट नहीं लेते तो ये भी अच्छी गेंदबाजी है। वहीं टेस्ट क्रिकेट में आपको दूसरी टीम पर अटैक करना होता है और विकेट निकालने होते हैं चाहे आप रन क्यों नहीं लुटा रहे हो। ये टीम के लिए अच्छा होता है।'
उन्होंने आगे कहा 'वहीं वनडे में हमें दोनों को मिक्स करना होता है, हमें विकेट लेने के साथ-साथ रनों की गति पर भी लगाम लगानी होती है। इसी के साथ आपको परिस्थियों को भी सही से परखना होता है। आपको यह समझना होता है कि टीम को उस समय आपसे क्या चाहिए। आपको वनडे में बल्लेाजों को परखना होता है और फिर आपको फैसला लेना होता है कि आप अब रन बचाएंगे या बल्लेबाज को आउट करेंगे। वनडे बाकी दोनों फॉर्मेट से काफी मुश्किल फॉर्मेट है। मैंने इंडिया ए के साथ काफी वनडे मैच खेले हैं जो अब मेरी काफी मदद कर रहे हैं।'
अपनी गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा 'पहले मैं मिडल ओवर में गेंदबाजी करने में काफी जूझता था। पावरप्ले में आपको रन रोकने होते हैं और डेथ ओवर में आपको बल्लेबाजों पर लगाम लगानी होती है। लेकिन बीच के ओवर में आपको अच्छी गेंदबाजी करनी होती है। मैं ये सीख रहा हूं और मैं इसे सीखूंगा।'
अपनी स्पीड के बारे में उन्होंने कहा 'जब मैने रणजी ट्रॉफी में पहली बार हिस्सा लिया तो मैं 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से गेंदबाजी करता था। मैं चोटों से जूझता रहा क्योंकि मैं अपनी गति में सुधार करना चाहता था। मुझे पता था कि मैं उस पेस के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता। मैंने अपनी गति को बढ़ाकर 140 तक पहुंचाया। मैं हमेशा चाहता हूं कि मैं 140 की गति के आसपास ही गेंदबाजी करूं और उसी गति में गेंद को स्विंग भी करवाऊं। ये काफी खतरनका होगा। मुझे लगता है कि 150 की स्पीड से गेंद खेलने से ज्यादा बल्लेबाजों को स्विंग के साथ 140 की स्पीड के साथ गेंद खेलने में दिक्कत होगी।'
पहले वनडे में थोड़े असहज से दिखाई दे रहे चाहर ने कहा 'अगले 6 महीनों में हमें काफी क्रिकेट खेलनी है और मेरी ध्यान अपने आपको फिट रखने पर है। मैं सभी मैच खेलना चाहता हूं। मैं उन सभी इंजरी से दूर रहना चाहता हूं जो मुझे पहले हुई है।'