दाम्बुला: टेस्ट श्रृंखला में क्लीन स्वीप करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम रविवार से श्रीलंका के खिलाफ यहां शुरू हो रही पांच मैचों की एक दिवसीय श्रृंखला में उतरेगी तो लक्ष्य 2019 विश्व कप के लिये संभावित खिलाड़ियों की तलाश भी होगा। भारत ने तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला 3-0 से जीती और अब यह लय वनडे श्रृंखला में भी जारी रखना चाहेगा। यह हालांकि किसी और श्रृंखला की तरह नहीं होगी क्योंकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद साफ तौर पर कह चुके हैं कि इंग्लैंड में 2019 में होने वाले विश्व कप के मद्देनजर फिटनेस पर विशेष जोर रहेगा।
भारतीय टीम प्रबंधन ने इस सिलसिले में काफी कदम उठाये हैं और के एल राहुल को पूरी श्रृंखला में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतारने का ऐलान इसमें शामिल है। चोटों से घिरे रहने वाले राहुल ने अभी तक सिर्फ छह वनडे खेले हैं और सभी में पारी का आगाज किया है। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 2016 में पहले वनडे में शतक जमाया और बाद में उस श्रृंखला में अर्धशतक भी लगाया। अगले तीन वनडे उन्होंने जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जिसमें पारी की शुरूआत की लेकिन सिर्फ 24 रन बना सके। फिट होने पर वह चैम्पियंस ट्राफी टीम का हिस्सा होते लेकिन युवराज सिंह के टीम में रहने से उन्हें पारी की शुरूआत के लिये ही कहा जाता।
राहुल चौथे नंबर पर उतरेंगे क्योंकि इस समय उन्हें अंतिम एकादश से बाहर नहीं रखा जा सकता जैसा कि प्रसाद ने कहा था। इसलिये नहीं कि उन्हें मध्यक्रम में खेलने का अनुभव है। राहुल को निचले क्रम में बल्लेबाजी का आईपीएल का अनुभव है। उन्होंने रायल चैलेंजर्स बेंगलूरू के लिये निचले क्रम पर बल्लेबाजी करके 12 पारियों में 44.11 की औसत से 397 रन बनाये हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हालांकि टी20 घरेलू लीग से अलग है। टीम प्रबंधन उम्मीद करेगा कि यह बदलाव कारगर साबित हो क्योंकि 2015 विश्व कप से चौथे नंबर पर बल्लेबाजी उसका सिरदर्द बना हुआ है। यह भी अब स्पष्ट हो गया है कि पारी का आगाज शिखर धवन और रोहित शर्मा करेंगे जबकि अजिंक्य रहाणे तीसरे सलामी बल्लेबाज होंगे।
महेंद्र सिंह धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे और हार्दकि पांड्या सातवें नंबर पर उतरेंगे। छठे नंबर के लिये मनीष पांडे और केदार जाधव में मुकाबला होगा। जाधव पिछली दो श्रृंखलाओं में प्रभावित नहीं कर सके हैं और इंग्लैंड में उनकी फील्डिंग बहुत लचर थी। बल्लेबाजी में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन चैम्पियंस ट्राफी और वेस्टइंडीज में उन्होंने कुछ ओवर फेंके।
भारतीय टीम के लिये रणगिरी दाम्बुला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भाग्यशाली नहीं रहा है। यहां 2004 से अब तक खेले गए 17 वनडे में से भारत ने नौ जीते। श्रीलंका के खिलाफ 11 वनडे में से चार ही जीत सकी है। इस मैदान पर सबसे यादगार जीत अगस्त 2008 में मिली जब विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण भी किया था। अब वह न सिर्फ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक है बल्कि टीम के कप्तान भी हैं। भारत का गेंदबाजी संयोजन स्थिर लग रहा है। भुवनेर कुमार और जसप्रीत बुमरा नयी गेंद संभालेंगे जबकि कुलदीप यादव स्पिन की जिम्मेदारी लेंगे जिनका साथ देने के लिये अक्षर पटेल या युजवेंद्र चहल होंगे।