जब तक हार मैदान के अंदर रहती है तब तक वो खेल का हिस्सा कहलाती है लेकिन जब हार पर मैदान के बाहर हंसी सुनाई देने लगे तो वो बेइज्जती बन जाती है। सेंचुरियन में सीरीज गंवाने के बाद अब टीम इंडिया के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। 25 साल का बदला लेने गई विराट आर्मी सबसे बड़े कलंक के करीब पहुंच चुकी है और अब सरेआम विराट को चैलेंज दिया जा रहा है।
तेज गेंदबाज कगीसो रबाडा वांडरर्स में गेंदबाजी करने को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा हम यहां काफी उत्साहित रहते है क्योंकि वहां गति, उछाल और स्विंग सब कुछ मिलता है। हमें पता है तेज पिचों पर कैसे खेलना है और हमें उनके आक्रमण का सम्मान करना होगा। आप हर मैच में जीत दर्ज करना चाहते है, हम भारत को क्लीन स्वीप से हराना चाहेंगे।
अफ्रीका को उम्मीद भी नहीं होगी कि इतनी आसानी से वो सीरीज पर कब्जा कर लेंगे और अब उनके हौसले सातवें आसमान पर हैं। विराट पहली अग्निपरीक्षा में हार चुके हैं। अब उनके सामने सबसे बड़े कलंक से बचने की चुनौती है।
भारत ने आज तक क्लीन स्वीप से अफ्रीका में सीरीज नहीं गंवाई है। टीम इंडिया कम से कम एक टेस्ट ड्रॉ करवाने में कामयाब रही है। विराट के सामने चैलेंज उस ग्राउंड में है जहां भारत ने आजतक कभी हार नहीं देखी है। जोहान्सबर्ग में टीम इंडिया ने 4 टेस्ट खेले हैं एक में जीत मिली जबकि 3 ड्रॉ रहे। यही नहीं, इस मैदान पर कोहली को रन बनाने में कुछ ज्यादा मजा आता है। वांडरर्स में विराट ने एक टेस्ट खेला है। जिसमें 107.50 की औसत से 215 रन जड़े। इस दौरान एक शतक और एक अर्धशतक भी जड़ा।
टीम इंडिया को 3-0 से हराने का चैलेंज रबाडा ने दिया है। ऐसे में जोहान्सबर्ग में रबाडा का प्रदर्शन जानना भी जरूरी हो जाता है। रबाडा ने वांडरर्स ने 2 टेस्ट खेले हैं। जिसमें उन्होंने 10 विकेट अपने नाम किए हैं। जबकि केपटाउन टेस्ट में रबाडा ने 5 और सेंचुरिय़न में 4 विकेट झटके थे। रबाडा को जोहान्सबर्ग में अफ्रीका की जीत का पूरा भरोसा है। यही नहीं उनको तो कोहली को गेंदबाज़ी कराने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है।
कोहली जैसे बल्लेबाज को गेंदबाजी करने में मजा आता है। उन्हें आईसीसी ने साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया है। सर्वश्रेष्ठ के सामने चुनौती पेश करना अच्छा होता है। लेकिन आंकड़ों की माने तो रबाडा कभी भी विराट के लिए चैलेंज नहीं है। रबाडा की गेंदों को बाउंड्री पार पहुंचाना विराट को बखूबी आता है।
कोहली और रबाडा का आमना सामना 5 टेस्ट में हो चुका है। इन पांच टेस्ट में रबाडा की 122 गेंदों पर विराट ने 11 चौकों के साथ 78 रन बनाए। जबकि रबाडा सिर्फ एक ही बार विराट को आउट कर सके वो भी वो भी साल 2015 के मोहाली टेस्ट में।
जाहिर है कलंक और टीम इंडिया के बीच सिर्फ एक नाम खड़ा है जिसे दुनिया विराट कोहली कहती है। लिहाजा अगर रबाडा को करारा जवाब देना है तो विराट के बल्ले को हल्ला बोलना होगा क्योंकि अफ्रीका में सिर्फ विराट ही हिंदुस्तान को विजयी बना सकते हैं।