अतुल्नीय...अद्भुत...सर्वश्रेष्ठ...विराट की तारीफों में कसीदे पढ़ते पढ़ते आपके शब्द खत्म हो जाएंगे। सोच बंद हो जाएगी। कोहली इस मुकाम पर पहुंच चुके हैं कि उनके बारे में लिखने, बोलने के लिए अब डिक्शनरी की खरीदने की जरूरत है ये खुद टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री का मानना है।
सेंचुरियन में जब विराट ने शतक जड़ने के बाद बल्ला उठाया तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़हाट से गूंज उठा। पूरी दुनिया उनके सजदे में झुक गई। आसमान में देव भी विराट को नमन कर रहे होंगे क्योंकि ऐसी ज़िद... ऐसा जुनून... ऐसा जांबाज... ऐसा योद्धा... ना किसी ने देखा है... ना कोई दूसरा विराट बन पाएगा। कोहली के सामने अब जीत भी छोटी लगने लगी है।
सेंचुरियन में विराट ने वनडे का 35वां शतक जड़ा। इस मुकाम में पहुंचने के लिए विराट को 200 पारियां लगी। जबकि सचिन 309 पारी में 35वां शतक बना पाए थे। विराट जिस रफ्तार से शतक बना रहे हैं...वो शतकों का माउंट एवरेस्ट खड़ा कर देंगे। आज हर खिलाड़ी विराट कोहली बनना चाहता है। अपना नाम इतिहास के पन्नों में अमर करना चाहता है लेकिन विराट बनने के लिए पहले संन्यासी बनना होगा...त्याग करना होगा... तारीफों की मोहा माया से ऊपर उठना होगा।
कहते हैं...दबाव में खिलाड़ियों का हौसला टूटने लगता है लेकिन विराट पर जितनी जिम्मेदारी आती है। वो उतना निखरते जाते हैं कप्तान विराट के शौर्य के सामने सारे पाकिस्तानी कप्तान बौने साबित हो गए हैं। कोहली ने कप्तानी करते हुए सिर्फ 49 वनडे में 13 शतक बनाए हैं। जबकि पाकिस्तान के सभी कप्तान अब तक कुल मिलाकर 889 वनडे में सिर्फ 12 शतक ही बना पाए।
विराट 30 साल के हैं और इस उम्र में वो रन मशीन गेल के खतरनाक खेल और डिविलियर्स के मीलों आगे हैं। सिर्फ 30 साल की उम्र में वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाज़ विराट हैं, उनसे नीचे सचिन, क्रिस गेल, सौरव गांगुली जैसे बल्लेबाज़ हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि विराट को छोड़ बाकी सभी के करियर का ज्यादातर हिस्सा ओपनर के तौर पर ही बिताया।