जोहान्सिबर्ग में कगीसो रबाडा के विराट चैलेंज का जवाब सिर्फ विराट को नहीं देना होगा बल्कि अगर जोहान्सबर्ग टेस्ट जीतना है तो फिर टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ों को भी रन बनाना होगा क्योंकि एक तरफ हमारे गेंदबाज़ 20-20 विकेट चटका रहे हैं तो दूसरी तरफ बल्लेबाज़ रन हड़ताल में नजर आ रहे हैं।
उम्मीद, ताकत, सपना टूटने की ये तस्वीरें आपको झकझोर रही होंगी। आपका चेहरा शर्म से झुक गया होगा। आप सोचने पर मजबूर हो गए होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो नंबर वन टीम की हालत बद से बदतर हो चुकी है। आपको कुछ आकंड़े दिखाते हैं, आपको समझाते हैं कि आखिर क्यों इस सीरीज़ के शुरुआती 2 टेस्ट में ही हम सीरीज़ गवां चुके हैं और तीसरे में भी वापसी की शायद कोई उम्मीद नहीं बची।
टीम इंडिया के टॉप छह बल्लेबाज़ों में से अब तक सिर्फ एक शतक बना है, इसके अलावा अर्धशतक के नाम पर तो अब तक निल बटे सन्नाटा ही है। ये शतक भी सेंचुरियन टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली ने बनाया था। टॉप सिक्स भारतीय बल्लेबाज़ों की औसत इस सीरीज़ में सिर्फ 20.45 की है। जो कि हिंदुस्तान के इतिहास में 2 या इससे ज्यादा टेस्ट की सीरीज़ में तीसरा सबसे खराब औसत है जबकि दक्षिण अफ्रीका में तो ये भारतीय बल्लेबाज़ों का अब तक का सबसे खराब बल्लेबाज़ी औसत है।
विराट की इस टीम के बारे में कहा जा रहा था कि ये टीम अफ्रीका में सालों साल से चला आ रहा सीरीज़ इतिहास का सूखा खत्म करेगी, लेकिन इसकी हालत धोनी की कप्तानी वाली पिछली टीम से बदतर हो गई है। साल 2013-14 के पिछले दौरे पर भारत के टॉप सिक्स बल्लेबाज़ों ने 2 शतक और 5 अर्धशतक बनाए थे और इस दौरान औसत थी 44.78 की।
भारतीय टीम के बारे में कहा जाता है कि अफ्रीका की तेज और उछाल से भरी पिचों पर बल्लेबाज़ खड़े होने से घबराते थे लेकिन इस बार वैसी पिच तो नहीं है, उस जूनुन और जज्बे की कमी जरूर है जो एक टीम की जीत के लिए जरूरी है।