भारत ने रांची में खेले गए टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में साउथ अफ्रीका को पारी और 202 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। रांची टेस्ट जीतने के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज में साउथ अफ्रीका का सूपड़ा साफ कर दिया। ये पहली बार है जब भारत ने टेस्ट में अफ्रीका को क्लीन स्वीप किया है। इस सीरीज में भारतीय टीम ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया।
एक तरफ जहां रोहित शर्मा ने सीरीज में 500 से ज्यादा रनों का अंबार खड़ा किया। वहीं, दूसरी तरफ अश्विन ने अकेले पूरी सीरीज में कुल 15 विकेट चटकाए। यही नहीं, टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने मिलकर पूरी सीरीज में कुल 26 विकेट झटके जो टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजों का एक वर्ल्ड क्लास स्तर दर्शाता है।
इस सीरीज में मोहम्मद शमी ने 14.76 की औसत से कुल 13 विकेट हासिल किए जिसमें एक पारी में 32 रन देकर 5 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं, उमेश यादव ने 12.18 की औसत 11 विकेट हासिल किए। इसमें 22 रन देकर 3 विकेट उनका बेस्ट रहा।
यही नहीं, इस सीरीज के दौरान उमेश यादव घरेलू सरजमीं पर पिछली 5 टेस्ट पारियों में 3 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा करने वाले पहले भारतीय भी गेंदबाज बने।
इन आंकड़ों और रिकॉर्ड से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन कितना कमाल का रहा। हैरानी की बात ये है कि भारतीय गेंदबाजों ने ये प्रदर्शन मौजूदा समय के सबसे शानदार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में किया।
इस सीरीज के दौरान भारतीय टीम को बुमराह की कमी कभी भी नहीं खली। फिर चाहें बात साउथ अफ्रीका के निचले क्रम को धराशायी करने की हो या फिर टॉप आर्डर को तहस-नहस करने की। बुमराह की गैरमौजूदगी में उमेश और शमी ने अपने इस काम को बखूबी अंजाम दिया।
रांची टेस्ट में तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों ने कुल 16 विकेट झटके जो घरेलू धरती पर किसी एक दिन में भारत गेंदबाजों का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने जून 2019 में बेंगलुरु में अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में 20 विकेट हासिल किए थे। वहीं, भारतीय गेंदबाजों ने दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1952/53 में पाकिस्तान के खिलाफ 17 विकेट लेकर किया था।
इस सीरीज में भारतीय टीम की जीत की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टीम इंडिया पिछले 83 साल में पहली ऐसी टीम है जिसने साउथ अफ्रीका को टेस्ट सीरीज में लगातार दो मैचों में पारी के अंतर से हराया है।
पिछली बार 1935-36 में उसे ऑस्ट्रेलिया ने लगातार तीन टेस्ट में पारी के अंतर से हराया था। यही नहीं, अफ्रीकी टीम 1990 के बाद तीसरी बार 3 या उससे ज्यादा मैचों की टेस्ट की सीरीज में सभी मुकाबले हारी। ऐसे में इस प्रदर्शन ये साफ है कि जसप्रीत बुमराह के अलावा अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों ने भी अपनी गेंदबाजी के स्तर में अभूतपूर्व सुधार किया है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ सालों से बुमराह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ हैं। उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी शानदार गेंदबाजी से भारतीय टीम को जीत दिलाई है। लेकिन चोट की वजह से बाहर चल रहे बुमराह भी अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों के इस शानदार प्रदर्शन से काफी खुश होंगे।