रांची। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस को मलाल है कि कोलपैक करार के तहत उनके देश ने अपने खिलाड़ियों को काउंटी क्रिकेट में गंवा दिया और साथ ही मंगलवार को उम्मीद जताई कि ब्रेक्जिट के बाद स्थिति उनकी टीम के अनुकूल होगी।
भारत के खिलाफ श्रृंखला में 0-3 की हार के बाद डु प्लेसिस ने कहा कि कोलपैक करार के कारण वे अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को गंवा रहे हैं। पिछले दो सत्र में एसेक्स के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर के संदर्भ में डु प्लेसिस ने कहा, ‘‘यह दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के लिए दुखद है कि उनके पास अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का विकल्प नहीं है। साइमन हार्मर के लिए अविश्वसनीय सत्र रहा। अगर वह दक्षिण अफ्रीका के साथ होता तो अच्छा रहता, उसने विदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया है। उसे दौरे पर हमारे साथ लेकर आइए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को खो रहे हैं और अचानक आपका प्रतिभा पूल काफी छोटा हो गया। हमने इसे रोकने की कोशिश की लेकिन इसे रोकना काफी मुश्किल है।’’
हार्मर सहित दुनिया भर के लगभग 60 क्रिकेटरों ने यूरोपीय यूनियन के रिहायशी नियमों का फायदा उठाया है जिससे कि वह काउंटी टीमों से जुड़ सकें और कोलपैक करार के तहत उन्हें ‘विदेशी खिलाड़ी’ नहीं माना जाए। यह करार हालांकि खिलाड़ियों को अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से भी रोकता है जिससे दक्षिण अफ्रीका को हार्मर के अलावा तेज गेंदबाजों डुआने ओलिवर और काइल एबोट जैसे खिलाड़ियों की सेवाएं नहीं मिल पा रही जिन्होंने इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने का विकल्प चुना।
हाल में संन्यास लेने वाले दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज हाशिम अमला इंग्लैंड के काउंटी क्लब सरे के साथ कोलपैक पंजीकरण के करीब हैं और डु प्लेसिस इसे हार की स्थिति मानते हैं। पिछले साल संन्यास लेने वाले तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल भी काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड की ओर से जारी नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार ब्रेक्जिट की स्थिति में 2021 तक इंग्लिश काउंटी सर्किट से कोलपैक क्रिकेटरों को जाना होगा। ब्रेक्जिट के बाद कोलपैक करार 2020 सत्र के अंत में खत्म हो जाएंगे और ईसीबी ने इसके संभावित असर को लेकर 18 प्रथम श्रेणी काउंटी टीमों को ईमेल भी लिखा है।
डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘शायद ब्रेक्जिट के बाद खिलाड़ी वहां जाकर खेल पाएंगे लेकिन साथ ही आप उन्हें अपने देश के लिए भी चुन सकते हैं। ब्रेक्जिट से कोलपैक खिलाड़ी रुक जाएंगे। इसलिए हां, इससे दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट को काफी फायदा होगा।’’