आमतौर पर दक्षिण अफ्रीका की पिच को तेज और उछाल भरा माना माना जाता है। लेकिन भारत-दक्षिण अफ्रीका की टीमों को जहां पहला टेस्ट खेलना है वहां कि पिच दक्षिण अफ्रीकी पिचों से बिल्कुल अलग होगी। इस पिच पर ना तो हरी घास होगी, ना पिच पर उछाल होगा और ना ही ये उतनी तेज होगी जितना की दक्षिण अफ्रीकी पिचें होतीं हैं। दक्षिण अफ्रीका के पिच क्यूरेटर ने खुद इस बात की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि न्यूलैंड्स की पिच पर लंबे समय बाद पानी डाला गया है और दक्षिण अफ्रीका में सूखे के कारण इसे आम दक्षिण अफ्रीकी पिच की तरह तैयार नहीं किया जा सका।
दक्षिण अफ्रीकी पिच क्यूरेटर की मानें तो पानी की कमी के कारण पिछले हफ्ते 2 ही बार पिच पर पानी डाला गया है। इस कारण पिच पहले जैसी कठोर नहीं है। पहले दिन पिच से गेंदबाजों को थोड़ा-बहुत बाउंस और स्विंग मिल सकता है लेकिन मैच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे पिच धीमी होती जाएगी। आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में सूखे के कारण पिच पर तय सीमा से ज्यादा पानी डालने पर पाबंदी लगा रखी है। यही वजह है कि न्यूलैंड्स की पिच को भारत के लिए अच्छी माना जा रहा है।
हालांकि इसी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका पिछले कई सालों से लगातार जीत रहा है। इस मैदान पर साल 2003 के बाद से दक्षिण अफ्रीका के रिकॉर्ड की बात करें तो टीम को सिर्फ 2 ही मैचों में हार मिली है और दोनों बार टीम को ऑस्ट्रेलिया ने हराया है। दक्षिण अफ्रीका ने 2003 से लेकर अब तक इस मैदान पर कुल 20 मैच खेले हैं। इस दौरान टीम को 13 में जीत, 2 में हार मिली है और 5 मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकल सका।
एक तरफ इस मैदान पर दक्षिण अफ्रीका का रिकॉर्ड शानदार है तो वहीं भारतीय टीम का रिकॉर्ड बेहद खराब है। भारत ने इस मैदान पर अब तक कुल 4 मैच खेले हैं इस दौरान टीम एक मैच भी नहीं जीत सकी है। भारत को 2 में हार मिली है जबकि 2 मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकल सका।