भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे पहले वनडे मैच में टीम इंडिया को जीत के लिए 270 रन चाहिए। दक्षिण अफ्रीका ने 50 ओवरों में 269/8 का स्कोर बनाया और भारत के सामने 270 रनों का लक्ष्य रखा। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कप्तान फैफ डू प्लेसी ने कप्तानी पारी खेलते हुए सबसे ज्यादा (120) रन बनाए। डू प्लेसी के अलावा मॉरिस ने (37) रन बनाए। वहीं, भारत की तरफ से कुलदीप यादव ने 3, युजवेंद्र चहल ने 2, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार ने 1-1 विकेट लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम को क्विंटन डी कॉक और हाशिम आमला ने सधी हुई शुरुआत दिलाई।
दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाना शुरू ही किया था कि बुमराह ने आमला (16) को आउट कर भारत को पहली सफलता दिला दी। इसके बाद डी कॉक और डू प्लेसी ने मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी की। भारत के लिए ये साझेदारी और बड़ा खतरा बनती उससे पहले ही डी कॉक को चहल ने (34) रन पर पवेलियन भेज दिया। दक्षिण अफ्रीका का तीसरा विकेट भी जल्द गिर गया और मार्कराम (9) रन बनाकर चहल का दूसरा शिकार बन गए।
इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 2 और झटके लगे। पहले डुमिनी (12) और फिर मिलर (7) रन बनाकर आउट हो गए और दक्षिण अफ्रीका के 5 विकेट सिर्फ 134 रन पर गिर गए। हालांकि इस बीच डू प्लेसी ने अपना अर्धशतक पूरा किया और क्रिस मॉरिस के साथ मिलकर स्कोर को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने मुश्किल के समय एक अच्छी साझेदारी की और अपनी टीम को फिर से मैच में वापस ला खड़ा किया। मॉरिस और डू प्लेसी ने दबाव की स्थिति में रनरेट को नीचे नहीं आने दिया और लगातार रन बनाए।
मॉरिस और डू प्लेसी ने स्कोर को 200 के पार पहुंचा दिया। दोनों ने छठे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी की। इस पार्टनरशिप पर ब्रेक लगाया कुलदीप यादव ने। यादव ने मॉरिस को (37) रन पर बोल्ड कर भारत को जरूरी सफलता दिलाई। हालांकि दूसरे छोर पर डू प्लेसी लगातार टिककर खेलते रहे और उन्होंने रन बनाना जारी रखा। 6 विकेट गिर जाने के बाद लगने लगा कि दक्षिण अफ्रीका की पारी जल्द सिमट जाएगी लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने डू प्लेसी का अच्छा साथ दिया।
फेलुकुवायो ने भी डू प्लेसी के साथ मिलकर कुछ अच्छे हाथ दिखाए और स्कोर को 250 के पार पहुंचा दिया। इसी बीच डू प्लेसी ने करियर का 9वां और भारत के खिलाफ दूसरा शतक जड़ दिया। शतक लगाने के बाद डू प्लेसी और तेजी से रन बनाने लगे और आखिर के ओवरों बेहद आक्रामक होकर बल्लेबाजी की। हालांकि आखिरी ओवर में डू प्लेसी (120) रन बनाकर बाउंड्री पर कैच आउट हो गए। लेकिन तब तक वो अपना काम कर चुके थे।