न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन मैदान में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच के पहले दिन हरियाली विकेट और तेज हवाओं के बीच भारतीय बल्लेबाज बेबस नजर आए। जिसके चलते टीम इंडिया मैच में अभी बैकफुट पर नजर आ रही है और उसके पांच बल्लेबाज महज 122 रन के योग पर पवेलियन जा चुके हैं। पहले दिन के अंत तक अजिंक्य रहाणे (38) तो ऋषभ पंत (10) रन बनाकर नाबाद रहे हैं। जबकि न्यूजीलैंड की तरफ से डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज काइल जैमिसन ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए।
इस तरह घर से बाहर टीम इंडिया की बल्लेबाजी लहराती गेंदों के आगे फिर से फुस्स साबित हुई। न्यूजीलैंड ने टॉस जीतने के बाद टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया गया। जिसके बाद भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ एक साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले पृथ्वी शॉ मैदान में उतरें। घास से भरी विकेट पर गेंद काफी स्विंग कर रही थी तभी पिछली बार वनडे सीरीज की तरह पृथ्वी शॉ के बल्ले और पैड के बीच गैप को भेदने में न्यूजीलैंड के टिम साउथी कामयाब रहे। उन्होंने शॉ को कमजोरी पर निशाना साधते हुए 16 रन के योग पर पृथ्वी शॉ को बोल्ड किया। इस तरह भारत को पहला झटका लगा। हलांकि इससे पहले पृथ्वी शॉ अभ्यास मैच में भी क्लीन बोल्ड हुए थे जबकि वनडे सीरीज में भी उनकी गिल्लियां उड़ी थी। ऐसे में अगर शॉ को न्यूजीलैंड में वापसी करनी है तो अपनी इस कमजोरी पर काम करना होगा।
ऐसे में पहला विकेट गिरने के बाद टीम इंडिया को एक साझेदारी की जरूरत थी तभी डेब्यू मैच खेलने वाले काइल जेमिसन ने कहर बरपाती गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया के टेस्ट स्पेशलिष्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को सिर्फ 11 रन पर चलता किया। 16वें ओवर में जैमिसन की तीसरी बाहर जाती शानदार गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और वो 42 गेंद खेलकर चलते बने। इस तरह स्विंग की मुरीद पिच पर पुजारा बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे। जिसके चलते 35 रन के योग पर भारत को दूसरा झटका लगा। इसके बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली की मानसिकता से खेलते हुए उन्हें जैमिसन ने अपने जाल में शानदार तरीके से फंसाया।
कोहली के लिए बिछाया जाल
दरअसल, पुजारा के आउट होने के तुरंत बाद उसी ओवर में जेमिसन ने विराट कोहली और शॉट पिच गेंदों से प्रहार किया और उन्हें 16वें ओवर की पांचवी और छठी कोहली के सामने शॉट पिच बैक ऑफ़ द लेंथ डाली। इसके बाद 18वें ओवर में एक बार फिर वापसी करते हुए जैमिसन ने पहली गेंद फुल लेंथ और उसके बाद फिर से कोहली और बैक ऑफ़ द लेंथ गेंदों से प्रहार किया। ऐसे में कोहली बैकफुट पर खेल रहे थे। उन्हें लगा आगे भी गेंदे शॉट पिच के प्रकार की होंगी और वो उसी तरह के माइंडसेट से खेल रहे थे। तभी जैमिसन ने ओवर की अंतिम गेंद फुल लेंथ वाइड ऑफ़ द स्टंप डाली और जिस पर ड्राइव मारने के चक्कर में गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा लिया और कोहली 7 गेंदों में 2 रन बनाकर चलते बने।
ऐसे में जब कोहली आउट हुए तब टीम का स्कोर 40 रन पर तीन विकेट था। तभी मयंक अग्रवाल और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने संभलकर बल्लेबाजी करते हुए 48 रन की साझेदारी कर टीम को शुरूआती झटकों से उबारने कि कोशिश जरूर की। मगर तभी मयंक अग्रवाल ने 84 गेंदों में 34 रन बनाने के बाद अपना धैर्य खो दिया और वो बोल्ट की शॉट पिच गेंद पर पुल शॉट खेल बैठे और अपना विकेट देकर चले गए। इस तरह भारत के चार विकेट 88 रन पर गिर गए। जिसके बाद पारी को संभालने आए नंबर 6 के स्पेशल बल्लेबाज हनुमा विहारी भी इस बार टीम को संकट से उबार नहीं पाए और वो भी ठीक पुजारा की तरह ही जैमिसन की बाहर जाती गेंद पर कैच देकर पवेलियन चलते बने। हनुमा ने अपनी पारी के दौरान 20 गेंदों में 7 रन बनाए। इस तरह न्यूजीलैंड के गेंदबाजों द्वारा पूरे दिन कसी हुई गेंदबाजी करना और रन ना देना भी भारतीय बल्लेबाजों के लिए परेशानी का एक कारण बना।
इस तरह एशियाई पिचों पर रन बरसाने वाले भारतीय बल्लेबाज जब भी बाहर जाते हैं तो उनकी कमजोरियों की बाढ़ सी आ जाती है। मैदान पर टिक कर खेलना बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा संघर्ष बन जाता है। ऐसे में दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम को अगर अपनी बादशाहत कायम रखनी है तो उनकी टीम के बल्लेबाजों को विदेशी सरजमीं पर बल्ले से रन बरसाने होंगे। अन्यथा हमेशा यही सवाल उठता रहेगा घर के शेर बल्लेबाज बाहर ढेर।